पंचकूला सुसाइड केसः बहुत कर्ज है... पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली... मैं भी 5 मिनट में मर जाऊंगा! चश्मदीद ने बताई कहानी, तो 20 करोड़ के कर्ज के बोझ ने छीनी सात जिंदगियां?

Panchkula suicide case: There is a lot of debt... the whole family committed suicide... I will also die in 5 minutes! Eyewitness told the story, so the burden of a debt of 20 crores took away seven l

नई दिल्ली। मंगलवार सुबह-सुबह एक ऐसी खबर सामने आई, जिसे सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया। हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर-27 में एक ही परिवार के सात लोगों द्वारा ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली गयी। इस घटना से हर तरफ सनसनी फैल गयी। बताया जाता है कि मृतक कुछ समय पहले उत्तराखण्ड के देहरादून में रहे। मूल रूप से हिसार के बरवाला के रहने वाले प्रवीण पिछले 12 सालों से पंचकूला में रह रहे थे। कुछ साल पहले हिमाचल प्रदेश के बद्दी में उनकी स्क्रैप फैक्ट्री थी, जिसे बढ़ते कर्ज के कारण बैंक ने जब्त कर लिया था। आर्थिक दबाव का सामना करते हुए प्रवीण अचानक पंचकूला छोड़कर उत्तराखंड के देहरादून चले गए। 

स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी कार में तड़पते मिले। परिवार के मुखिया प्रवीण ने इनता ही कहा कि उस पर बहुत कर्ज है, इसलिए पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली है। इतना कहकर वो भी गिर गया। आनन-फानन में सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने कहा कि पहली नजर में मामला आत्महत्या का नजर आ रहा है, लेकिन पुलिस की टीम हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। 

एक चश्मदीद ने बताया कि हमारे पार्किंग एरिया में उत्तराखंड नंबर की कार खड़ी थी। मैंने कार चालक को कहीं और कार को पार्क करने के लिए कहा। मैंने देखा कि कार में लोग बेहोश थे और कार से बदबू आ रही थी। जब मैंने कार चालक से पूछा तो वो कार ने नीचे उतरकर बैठ गया। उसने कहा कि मैंने बहुत कर्ज ले लिया है। पूरे परिवार ने जहर खा लिया है। इतना सुनते ही मैंने पुलिस को फोन किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन एंबुलेंस 45 मिनट की देरी से आई। अगर एंबुलेंस वक्त पर आती तो शायद जान बच सकती थी। चश्मदीद के मुताबिक उसने इतना कहा था कि उसके ऊपर बैंक का बहुत कर्ज है, इसलिए पूरे परिवार ने जहर खा लिया है। इतना कहने के बाद वो गिर गया। 

प्रवीण मित्तल के भतीजे अंकित मित्तल ने बताया कि वो साल 2007 में उन्हें नुकसान हुआ था। जिसके बाद वो पंचकूला छोड़कर पहले कोलकाता गए और फिर वहां तीन महीने बाद देहरादून शिफ्ट हो गए। वहां वो कैब चलाकर परिवार का गुजर बसर कर रहे थे।

मृतक प्रवीण मित्तल के मामा के लड़के संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रवीण मित्तल मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला का रहने वाला था। उसने पंचकूला में स्क्रैप फैक्ट्री लगाई थी। धीरे-धीरे फैक्ट्री घाटे में चली गई और प्रवीण पर कर्ज बढ़ता चला गया। इस दौरान प्रवीण पर करीब 20 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका था। बैंक की तरफ से और जिन लोगों से उसने लोन लिया था। उनकी तरफ से उसे कॉल आने लगे। देनदार उसे धमकी भी देने लगे थे। इन सभी से पीछा छुड़ाने के लिए प्रवीण परिवार सहित उत्तराखंड के देहरादून में शिफ्ट हो गया। इस दौरान बैंक ने उसके पंचकूला में स्थित दो फ्लैट और फैक्ट्री को कब्जे में लिया, क्योंकि प्रवीण ने बैंक का लोन नहीं चुकाया था।

देहरादून से प्रवीण हाल ही में अपनी पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता के साथ अपने ससुराल पंचकूला में रहने लगा था, लेकिन वहां उनकी अपने सास-ससुर से नहीं बनी। जिसके बाद वो सेक्टर-27 में परिवार के साथ किराये के मकान में रहने लगा। अचानक से मंगलवार को खबर सामने आई कि प्रवीण, उसकी पत्नी, उसके माता-पिता और तीन बच्चों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। बताया ये भी जा रहा है कि इससे पहले वो पंचकूला में बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा सुनकर लौटे थे।

फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है, हांलाकि पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कर्ज की वजह, कर्जदाता कौन थे और परिवार ने पंचकूला को ही क्यों आत्महत्या का स्थान चुना, यह सब जांच का विषय है। फोरेंसिक टीम ने गाड़ी और घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए हैं। वहीं पुलिस को मौके से दो सुसाइड नोट भी मिले है। ऐसे में इनकी जांच की जा रही है कि क्या ये परिवार के ही किसी सदस्य ने लिखे हैं। पुलिस टीम मौके के सीसीटीवी खंगाल रही है।

वहीं इस मामले में देहरादून पुलिस ने कहा है कि मामला पंचकूला का है और वहां की पुलिस जो भी सहयोग मांगेगी, हम देंगे। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि क्योंकि मामला पंचकूला का है और अभी इस विषय में कोई बहुत अधिक जानकारी सामने नहीं आ पाई है। जैसे ही सब कुछ साफ होगा मीडिया के सामने वह अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच से यह पता चला है कि यह लोग पहले देहरादून में किराए पर रहते थे और उसके बाद वह लोग हरियाणा और अन्य जगहों पर जाकर रह रहे थे।