तमिलनाडु में 12वीं क्लास के एग्जाम से नदारद रहे 40,000 से ज्यादा विद्यार्थी 

Over 40,000 students absent from Class 12 exams in Tamil Nadu

तमिलनाडु: तमिलनाडु में कोविड महामारी की वजह से 12वीं क्लास के एग्जाम में बहुत ज्यादा संख्या में छात्र अनुपस्थित रहे. अब एक्सपर्ट और एक्टिविस्ट ने एक स्टडी करने की गुजारिश की है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि स्कूलों में Dropout की क्या वजह है. स्टडी में इस बात की जांच होनी चाहिए कि बच्चों के स्कूल नहीं आने की वजह क्या है. क्या ऐसा सामाजिक-आर्थिक कारणों से है या 11वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाओं की प्रासंगिकता इसकी वजह है या फिर बच्चे आगे पढ़ाई ही नहीं करना चाहते हैं.


तमिलनाडु में 12वीं क्लास में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों की संख्या 8,51,303 थी, जिसमें से 49,559 (6%) एग्जाम में अनुपस्थित रहे. सूत्रों के मुताबिक, इसमें से 40,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ऐसे थे, जो 11वीं के बोर्ड एग्जाम में फेल हो गए. पिछले साल भी 4% से 6% तक अनुपस्थित देखने को मिली थी. उस दौरान परीक्षा के डर और अपने परिवारों की मदद करने के लिए काम पर जाने को उन मुख्य कारणों के रूप में बताया गया था, जिनकी वजह से बच्चे एग्जाम देने नहीं आए.

बोर्ड एग्जाम की प्रासंगिकता पर उठे सवाल
टीचर्स का कहना है कि राज्य सरकार को एक डिटेल्ड स्टडी करवानी चाहिए थी, ताकि ये मालूम चल सके कि आखिर पिछले साल 12वीं क्लास के एग्जाम में बच्चों के अनुपस्थित रहने की वजह क्या थी. कुछ लोगों ने 11वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाया, क्योंकि छात्र इन एग्जाम में फेल होने के बाद स्कूल ड्रॉपआउट हो रहे थे.

सर्वे में इन बातों का रखा जाए ख्याल
स्टेट प्लेटफॉर्म फॉर कॉमन स्कूल सिस्टम के पीबी प्रिंस ने कहा कि 11वीं क्लास में होने वाले बोर्ड एग्जाम उन प्रमुख फैक्टर्स में हैं, जिनकी वजह से 12वीं क्लास में अनुपस्थिति देखने को मिली. उन्होंने कहा, ’11वीं बोर्ड एग्जाम की जरूरत नहीं है. हायर सेकेंडरी दो साल का प्रोग्राम है. हर एग्जाम में दोनों सालों के सिलेबस को बराबर का हिस्सा देना चाहिए.’

पीबी प्रिंस ने कहा, ‘स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट को सामाजिक-आर्थिक फैक्टर्स को भी ध्यान में रखना चाहिए, जिसकी वजह से बच्चों को काम की तरफ लौटना पड़ा हो.’ उन्होंने कहा, ‘डिपार्टमेंट को काउंसलिंग मुहैया करानी चाहिए और बच्चों को स्कूल की ओर फिर से लौटने में मदद मुहैया करानी चाहिए.’