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उफ्फ ये दर्दः कुदरत के कहर ने छीन लीं खुशियां! पांच दिन बाद घर में आनी थी बारात, पलभर में तबाह हो गया सबकुछ

Oh, the pain: Nature's wrath has snatched away all happiness! A wedding procession was to arrive in five days, but everything was destroyed in an instant.

चमोली। बुधवार देर रात चमोली के नंदानगर में कुदरत का ऐसा कहर बरपा कि हर तरफ तबाही का मंजर दिखा। इस भयानक त्रासदी से हर कोई सन्न है। लोग मंजर देखकर कुछ भी समझ नहीं पा रहे हैं। इस आपदा ने न सिर्फ जान-माल का नुकसान किया, बल्कि लोगों की अरमान भी छीन लिए। दरअसल सेरा गांव में महिपाल सिंह गुसांई की दूसरी बेटी नीमा की शादी 23 सितंबर को होनी तय है। घर में शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं। मकान का रंग-रोगन हो चुका था और शादी की तैयारियां चल रही थी। तभी कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि सारे अरमान पानी के साथ आए सैलाब में बह गए। बुधवार रात बादल फटने की घटना के बाद तेज बहाव में महिपाल सिंह गुसांई, माधो सिंह, कुंवर सिंह, विनोद सिंह, राजेंद्र सिंह, बिजमा देवी और अवतार सिंह सहित सात परिवारों के मकान बह गए। महिपाल सिंह की पत्नी देवेश्वरी देवी ने अपनी आंखों के सामने अपने घर को बहते हुए देखा। उन्होंने बताया कि गदेरे का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था इसलिए हम सब ने घर छोड़ दिया था। जब मैं मोख सड़क पर पहुंचीं तो देखा कि जिस जगह मेरा मकान था, वहां अब केवल पत्थर और रेत का ढेर बचा है। महिपाल सिंह का कहना है कि बेटी नीमा और बेटा मेरे साथ गोपेश्वर में थे। हमें बृहस्पतिवार को घर पहुंचना था लेकिन बुधवार रात को ही मोक्ष गदेरे के तेज बहाव में मकान बह गया है। अब परिवार के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि बेटी की शादी कैसे होगी।