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नैनीताल/हल्द्वानी:मैं मीरा सी दीवानी हो गई!उत्तराखंड की इस दिव्यांग ने लिए श्री कृष्ण  के साथ सात फेरे! हल्द्वानी की ये अनोखी शादी बंटोर रही है सुर्खियां

Nainital/Haldwani: I became crazy like Meera! This disabled person from Uttarakhand took seven rounds with Shri Krishna! This unique wedding of Haldwani is making headlines

जैसे श्री कृष्ण की भक्ति में राधा,मीरा लीन थी औरश्री कृष्ण को ही अपना पति मान लिया था वैसे ही उत्तराखंड की एक लड़की भी श्री कृष्ण की भक्ति में ऐसी लीन हुई कि अब वो उन्हें अपना पति मान चुकी है। इतना ही नहीं अब वो भगवान श्री कृष्ण से शादी भी कर ली है। इस अनोखी शादी की चर्चा अब पूरे उत्तराखण्ड में हो रही है।

नैनीताल के हल्द्वानी के प्रेमपुर लोश्ज्ञानी से सटे इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत की पुत्री हर्षिका ने आज श्री कृष्ण के साथ सात फेरे लेकर शादी कर ली है।बागेश्वर निवासी पूरन चंद्र पंत वर्ष 2020 से हल्द्वानी में निवास कर रहे हैं। उनकी 21 वर्षीय बेटी हर्षिका दिव्यांग है। उनके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता है। हर्षिका अपने  दैनिक कार्यों के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहती है,मन ही मन हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को अपना सब कुछ मान चुकी है।जीवन में एक साथी की तलाश के लिए हर्षिका  ने श्री कृष्ण को चुनकर उन्ही से विवाह करने की इच्छा जताई थी,जिसे उनके पिता ने पूरा भी किया। हर्षिका की शादी एक आम लड़की की ही तरह हुई ,महिलाओं ने ढोलक की थाप पर मंगल गीत गाया, हल्दी और मेंहदी की रस्में पूरी की गई।परिवार ने 1 जुलाई को प्रेम मंदिर वृंदावन में जाकर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ धार्मिक अनुष्ठान पूरा किया और फिर 3 जुलाई को हल्द्वानी वापस आकर शादी की रस्में निभाईं। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ धूमधाम से महिला संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

शादी के बाद हर लड़की अपने ससुराल जाती है। लेकिन हर्षिका विदा होकर ससुराल यानी कि वृंदावन नहीं जाएगी। बल्कि उनके घर वाले भगवान श्री कृष्ण को घर जमाई बनाने जा रहे हैं। हर्षिका की मां मीनाक्षी पंत बताती हैं कि बचपन से ही हर्षिका के मन में कान्हा के लिए प्रेमभाव है। जब वह केवल आठ साल की थी, तब उसने एक स्वप्न में कान्हा के दर्शन किए और यह अनुभव उसने अपनी माता मीनाक्षी पंत के साथ शेयर किया। इस दिव्य अनुभव के बाद से ही हर्षिका की श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा में लगातार बढ़ती गई। 10 साल की उम्र में उसने कान्हा के लिए करवाचौथ का व्रत रखना शुरू किया, जो कि अब उसकी प्रतिवर्ष की धार्मिक परंपरा बन चुकी है।