गजब का खेल: रामनगर में भू माफियाओं और प्रशासन की मिलीभगत! कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पास 180 फलदार हरे पेड़ों पर चल गई आरी, कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति
उत्तराखंड में लगातार भू माफियाओं के हौंसले बुलंद होते जा रहे है कुछ वर्षों से नैनीताल के रामनगर क्षेत्र में कृषि भूमि पर अवैध निर्माण जोरों पर है। आवाज इंडिया ने पहले भी बैल पड़ाव में दिल्ली के भू माफियाओं और प्रशासन की मिलीभगत से अवैध कालोनी के निर्माण का खुलासा किया था, लेकिन बावजूद इसके आज भी भू माफियाओं पर प्रशासन लगाम नहीं लगा पा रहा है।
मामले के अनुसार रामनगर में काशीपुर रामनगर हाइवे से सटे शिवलालपुर पांडे गाँव जो कि कार्बेट टाइगर रिसर्व से महज 2 किलोमीटर के रेडियस पर स्थित है में खसरा संख्या 156 अ और 185 ब जो कि अशोक कुमार और अजित कुमार के नाम दर्ज है में कालोनी विकसित करने की नियत से 5 एकड़ में लगभग 180 से अधिक के फलदार पेड़ों के बगीचे को नष्ट कर दिया गया है और कार्यवाही के नाम पर वन विभाग के द्वारा केवल 40 पेड़ों पर 2 लाख की पैनाल्टी लगाकर मामले को रफ दफा-कर दिया गया। जब इस मामले में एसडीएम राहुल शाह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि और वन विभाग को एफआईआर करने के निर्देश जारी किए गए थे साथ ही उद्यान विभाग को भी निर्देशित किया गया था। फिलहाल वर्तमान में कालोनी के निर्माण और खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई है।
एसडीएम राहुल शाह, डीएफओ प्रकाश चंद्र और उद्यान विभाग के प्रभारी अर्जुन परवाल के बयान के विरूद्ध गाँव के प्रधान पति संजय कुमार ने सभी पर भू माफियाओं से साँठ गांठ करने के आरोप लगाए है और यह भी कहा कि की कई बार प्रधान के द्वारा शिकायत कि गई लेकिन उचित कार्यवाही नहीं हुई।
हैरानी की बात ये है कि कार्बेट से महज 2 किलोमीटर के दायरे में 180 फलदार हरे पेड़ों को काट दिया जाता है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर संबंधित विभाग केवल खानापूर्ति कर देते है और जब इस बारे में बात की जाती है तो सभी अधिकारी एक दूसरे के विभाग पर कार्यवाही करने के नियम बताते है, लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं लेता। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब रामनगर के ग्रीन बेल्ट में भी नैनीताल की तरह कंक्रीट के जंगल दिखेंगे।