नैनीताल:देवभूमि की मर्यादा तार तार! विंटर कार्निवल में उत्तेजक प्रस्तुतियां, संस्कृति और कानून-व्यवस्था दोनों खतरे में! पहले कुर्सियां टूटीं,कमिश्नर लौटे,अब अश्लीलता परोस रहा कार्निवल

Nainital: The sanctity of Devbhoomi (Land of the Gods) shattered! Provocative performances at the Winter Carnival, both culture and law and order are at risk! Chairs were broken, the Commissioner lef

नैनीताल।
देवभूमि उत्तराखंड की पहचान माने जाने वाले नैनीताल शहर में आयोजित विंटर कार्निवल एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। दो दिन पूर्व स्टार नाइट के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली थी, जब बेकाबू भीड़ ने कुर्सियां और हीटर तोड़ डाले। हालात इतने बिगड़ गए कि कुमाऊं कमिश्नर को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा। इस घटना ने कार्निवल की व्यवस्थाओं और सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए थे।

 


इसके बावजूद, कार्निवल के चौथे दिन मंच से जो दृश्य सामने आए, वे और भी चिंताजनक हैं। कार्यक्रम के दौरान मंच पर उत्तेजक और अश्लील डांस की प्रस्तुतियां कराई गईं, जिन्हें कथित तौर पर प्रशासन की ओर से एडीएम विवेक राय द्वारा अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से लाइव भी किया गया। ये वही एडीएम है जिन्हें पंचायत चुनावों के दौरान उत्तराखंड हाइकोर्ट अंग्रेजी न आने पर कार्यकारी पद को प्रभावी रूप से संभालने को लेकर सवाल खड़े कर चुका है। ऐसे में यह स्थिति न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर सवाल उठाती है, बल्कि देवभूमि की सांस्कृतिक गरिमा के भी प्रतिकूल मानी जा रही है। पहले से ही शराब के नशे में मौजूद युवाओं के बीच इस तरह की उत्तेजक प्रस्तुतियां माहौल को और भड़काने का काम कर सकती हैं। जब हाल ही में भीड़ के बेकाबू होने की मिसाल सामने आ चुकी हो, तब ऐसे कार्यक्रमों को अनुमति देना कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
सांस्कृतिक दृष्टि से भी यह विषय बेहद संवेदनशील है। उत्तराखंड अपनी लोकसंस्कृति, लोकनृत्य और पारंपरिक मूल्यों के लिए जाना जाता है। सार्वजनिक मंचों पर अश्लीलता और उत्तेजक प्रदर्शन न केवल युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, बल्कि समाज में गलत संदेश भी फैलाते हैं। इससे एक ओर सांस्कृतिक पतन का खतरा बढ़ता है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं और पारिवारिक दर्शकों के लिए ऐसे आयोजनों में सहभागिता असहज हो जाती है।
अब सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन समय रहते स्थिति की गंभीरता को समझेगा? क्या विंटर कार्निवल जैसे प्रतिष्ठित आयोजन को केवल भीड़ जुटाने और सनसनी फैलाने का माध्यम बनने दिया जाएगा, या फिर देवभूमि की गरिमा, संस्कृति और कानून-व्यवस्था की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे?
शहरवासियों की मांग है कि प्रशासन तत्काल इस तरह की प्रस्तुतियों पर रोक लगाए, कार्यक्रमों की सामग्री पर सख्त निगरानी रखे और विंटर कार्निवल को उसकी मूल भावना संस्कृति, पर्यटन और शालीन मनोरंजन—से जोड़े, ताकि भविष्य में नैनीताल किसी शर्मनाक घटना का गवाह न बने।