नैनीताल में अधिवक्ताओं का पूर्ण कार्य बहिष्कार, न्यायिक कामकाज ठप! बार काउंसिल के आवाहन पर वकालत बंद
नैनीताल। प्रदेशभर में बार काउंसिल के आवाहन पर शनिवार को अधिवक्ताओं ने पूर्ण कार्य बहिष्कार किया, जिसके चलते सभी जिला एवं तहसील अदालतों में न्यायिक कामकाज पूरी तरह ठप रहा। नैनीताल बार एसोसिएशन ने भी इस बंद का समर्थन करते हुए न्यायिक कार्यों से स्वयं को अलग रखा। अदालतों में सन्नाटा पसरा रहा और अधिवक्ताओं ने अदालत परिसर में एकजुट होकर अपनी मांगों को बुलंद किया।
कार्य बहिष्कार के दौरान आयोजित सभा में बार संघ के सचिव दीपक रुबाली ने कहा कि अधिवक्ताओं को अपने अधिकारों एवं समस्याओं के समाधान के लिए संगठित रहना होगा ताकि उनकी आवाज़ सरकार तक मजबूती से पहुँचे। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अध्यक्ष नीरज साह ने प्रदेशव्यापी बंद को उचित ठहराते हुए हर जिले, तहसील और ब्लॉक स्तर पर अधिवक्ताओं के लिए समुचित चैम्बर निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जूनियर अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा हेतु ठोस नीतिगत कदम उठाने और नोटरी अधिवक्ताओं के लाइसेंस की अवधि 10 वर्ष से आगे बढ़ाने की मांग भी रखी।

पूर्व अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने कहा कि अधिवक्ताओं की समस्याएँ लंबे समय से सरकार के संज्ञान में हैं, इसलिए इनके समाधान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वहीं अधिवक्ता संजय सुयाल, तरुण चंद्रा और रवि आर्या ने स्पष्ट किया कि वर्तमान आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है, लेकिन यदि मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा।
सभा में डीजीसी सुशील कुमार शर्मा, पंकज सिंह बिष्ट, भरत भट्ट, राजीव साह, राजेंद्र कुमार पाठक, राम सिंह रौतेला, पुलक अग्रवाल, प्रमोद बहुगुणा, आर्चित गुप्ता, पंकज आर्या, सुभाष जोशी, प्रदीप कुमार, हरेंद्र सिंह, दीपक सिंह दानु, जंयत नैनवाल, गौरव कुमार, नीरज गोस्वामी, प्रमोद तिवारी, आनंद कनवाल, मोहम्मद खुर्शीद, प्रमोद कुमार, प्रीति साह, पूजा साह, आकांशा, सरिता बिष्ट, किरण आर्या, संध्या, जया आर्या समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।