नैनीताल नगर पालिका में भूचालः पालिकाध्यक्ष पर बदसलूकी का आरोप, सभासद बिफरे! बुलानी पड़ी पुलिस, बोर्ड बैठक के बहिष्कार का ऐलान
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में नगर पालिका की अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। एक साल के कार्यकाल में लगातार विवादों में घिरी नगर पालिका पिछले दो दिनों से फिर सुर्खियों में है। इस बार पालिकाध्यक्ष और सभासदों के बीच की कलह पुलिस तक पहुंच गयी है। गुरुवार शाम नैनीताल नगर पालिका परिषद में उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब सैनिक स्कूल वार्ड की सभासद लता दफौटी ने पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल पर उनके कक्ष में बदसलूकी करने का गंभीर आरोप लगाया। आरोप लगते ही सभी सभासद एकजुट हो गए और पालिकाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मामला इतना बिगड़ा कि पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। नाराज सभासदों ने आगामी बोर्ड बैठक के बहिष्कार की घोषणा तक कर दी। पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल ने गुरुवार को मीडिया से कोई बात नहीं की, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने डीएसए मैदान के पास अनीता रेस्टोरेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। यहां उन्होंने सभासद लता दफौटी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सरस्वती खेतवाल ने कहा कि पिछले चार दिनों से उनके कक्ष में ऑडिट चल रहा था और उसी दौरान उनकी एक रिश्तेदार उनसे मिलने आई थीं, जिसे लेकर गलतफहमी पैदा की गई। दूसरी तरफ उसी डीएसए बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर सभासदों ने अलग से बैठक कर अपने आरोप दोहराए। सभासदों का साफ कहना है कि पालिकाध्यक्ष की ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं, लेकिन उनकी कार्यशैली और सभासदों के साथ व्यवहार से गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि पालिका में सभासदों के बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। पूर्व पालिकाध्यक्ष और वर्तमान सभासद मुकेश जोशी ‘मोंटू’ ने सवाल उठाया कि जब अपना कार्यालय है तो प्रेस कॉन्फ्रेंस बाहर क्यों की गई? सभासदों ने चेतावनी दी है कि जब तक व्यवहार में सुधार नहीं होता, तब तक वे बोर्ड बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। फिलहाल नैनीताल नगर पालिका में सियासी तपिश चरम पर है और शहर के विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। नैनीताल नगर पालिका में जारी यह गतिरोध कब खत्म होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन साफ है कि इससे शहर की जनता सबसे ज्यादा परेशान है।