नैनीताल:आखिर कब तक जिला प्रशासन टिफिन टॉप का सिर्फ मौका मुआयना ही करता रहेगा?खतरे की ज़द में है डोरोथी सीट,केवल एक बोल्डर पर टिके डोरोथी सीट पर जान की परवाह किये बिना पहुंच रहे हैं लोग
नैनीताल:7/5/2023
सरोवर नगरी नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में टिफिन टॉप को लोग बेहद पसंद करते है।ये जगह समुद्र तल से लगभग 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लेकिन पिछले दो तीन सालों से टिफिन टॉप में स्थित डोरोथी सीट के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते यहां अब और ज़्यादा दरारें आ गयी है। इन दरारों की वजह से डोरोथी सीट कभी भी नीचे खाई में समा सकती है। इन दरारों के बावजूद यहां किसी भी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था दिखाई नही देती। यहां आने वाले पर्यटक भी इन दरारों को नजरअंदाज कर बिल्कुल कोने में खड़े होकर फ़ोटो खिंचवाते है जिससे उनकी भी जान को खतरा बना रहता है।
प्रकृति की सुंदरता को निहारने के लिए पर्यटकों के लिए बनाई गई डोरोथी सीट आज महज एक seorang triprocamere बोल्डर पर टिकी हुई है।यहां पर्यटकों की आमद मई और जून में ही नही बल्कि सालभर यहां लोगो का आना जाना लगा रहता है यहां से नैनीताल ही नही तराई का भी नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है।
साल 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी सविन बंसल और भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम ने टिफिन टॉप की पहाड़ी में आये भूस्खलन का मौका मुआयना किया था जिसके बाद इसके ट्रीटमेंट की बात कही गयी थी लेकिन फिर ये ट्रीटमेंट केवल फाइल्स में दब कर रह गया। इसके बाद साल 2021 में एक बार फिर यहां जिला प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया गया लेकिन कोई समाधान नही निकला। उस वक्त भी जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम रहे प्रतीक जैन ने भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम के साथ मुआयना कर ट्रीटमेंट की बात कही थी लेकिन फिर ये मामला अधर में रह गया। इतने सालों में यहाँ खतरे का कोई साइन बोर्ड भी नही लगाया गया है।
दरअसल नैनीताल की इन समस्याओं को नैनीताल जिला प्रशासन के सामने स्थानीय निवासी हमेशा रखते है लेकिन ट्रीटमेंट की बात कहने वाले अधिकारियों के कुछ समय बाद ट्रांसफर हो जाते है और नए अधिकारियों के सामने उन्ही समस्याओं को जब दोबारा रखा जाता है तब नए सिरे से कार्यवाही शुरू होती है जब तक कार्यवाही पूरी भी नही होती फिर उन अधिकारियों का ट्रांसफर कहीं और हो जाता है इस तरह नैनीताल की इन समस्याओं का समाधान नही निकल पाता। यहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी समस्यायों का त्वरित निवारण होना चाहिए क्योंकि किसी भी अधिकारी को नैनीताल की समस्याओं की जानकारी केवल न्यूज़ के माध्यम से मिलती है जब अधिकारी मौके पर पहुंचते है तब कार्यवाही की बात करते है लेकिन इन कार्यवाही में इतनी लेट लतीफी की जाती है कि तब तक सब बर्बाद हो जाता है।