नैनीताल:ला नीना के प्रभाव से नैनीताल में पड़ने लगी कड़ाके की ठंड!दिन भर छाए रहे बादल,बर्फबारी की उम्मीद:एरीज वैज्ञानिक
ला नीना इस बार सर्दियों को और कठोर बनाने वाली है। नैनीताल जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटकों को तैयार रहना चाहिए, क्योंकि कड़ाके की ठंड और बर्फ कभी भी दस्तक दे सकते हैं।
नैनीताल की सरोवर नगरी में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से ही ठंडी हवाएं चलने लगी हैं और तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

आज दिन भर बादल छाए रहने से सूरज की किरणें भी दिखाई नहीं दी। पर्यटक गर्म जैकेट, शॉल और मफलर ओढ़कर ही झील किनारे घूमते नजर आ रहे हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार ठंड का असली कारण है ला नीना। ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाली एक मौसमी घटना है, जिसमें समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। इससे वैश्विक मौसम चक्र प्रभावित होता है। भारत में ला नीना का प्रभाव आमतौर पर ठंड को और तीव्र बना देता है। उत्तर भारत में शीत लहरें लंबे समय तक चलती हैं, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी बढ़ जाती है और मैदानी इलाकों में भी कोहरा और पाला गहरा हो जाता है।
पिछले वर्ष की बात करें तो नैनीताल के ऊंचे इलाकों में पहली बर्फबारी 9 दिसंबर 2024 को हुई थी और दूसरी बर्फबारी 12 जनवरी 2025 को। लेकिन इस बार अक्टूबर में ही पारा लुढ़कने लगा है, जिससे लोगों को लग रहा है कि इस सर्दी में रिकॉर्ड तोड़ ठंड पड़ सकती है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के निदेशक डॉ. मनीष नाजा ने बताया कि ला नीना के कारण इस साल सर्दियां पहले शुरू हो गई हैं। उत्तर भारत में लंबी शीत लहरें चलने की आशंका है। हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हो सकती है। संस्थान मौसम की निरंतर निगरानी कर रहा है और पूर्वानुमान जारी कर रहा है, हालांकि बर्फबारी की सटीक तारीख बताना अभी मुश्किल है।