नैनीतालः जिला पंचायत चुनाव विवाद! अपहृत सदस्यों से पूछे गए सवालों और जांच अधिकारी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुआ हाईकोर्ट, लगाई फटकार
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हुए बवाल व 5 जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण व चुनाव में डाले गए एक मतपत्र में ओवरराइटिंग की शिकायत व जिला पंचायत चुनाव में रि-पोलिंग तथा निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। पूर्व के आदेश पर चुनाव के दौरान हुए अपहृत पांचों सदस्यों को पेश किया गया। सुनवाई के दौरान पांचों सदस्यों से पूछे गए सवालों व जांच अधिकारी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट से कोर्ट संतुष्ट नही दिखी। जिसके बाद कोर्ट ने जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर फटकार लगाते हुए मामले की जांच एसआईटी से कराने की बात कही। मामले में कोर्ट अब जल्द ही कोई अहम निर्णय दे सकती है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार 14 अगस्त को कोर्ट ने नैनीताल के जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान उनके सदस्यों का अपहरण करने के मामले में कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। जिसमें कई जीते हुए सदस्यों ने न्यायालय की शरण भी ली थी। बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने उच्च न्यायालय में एक अन्य याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक 1 को 2 कर अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में कोर्ट से जिलाध्यक्ष पद के लिए पुनः मतदान कराए जाने की प्रार्थना की है।