नैनीताल जिला पंचायत चुनाव विवाद!हाईकोर्ट ने SSP और CBCID अधिकारी को जांच रिपोर्ट सहित किया तलब,10 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान हुए कथित बवाल, बीडीसी सदस्यों के अपहरण और मतपत्र में ओवरराइटिंग के आरोपों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। यह मामला जिला पंचायत चुनाव में कथित अनियमितताओं, रि-पोलिंग और निष्पक्ष चुनाव की मांग से जुड़ा हुआ है, जिस पर अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी।
मंगलवार को पूर्व आदेश के तहत मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष नैनीताल के एसएसपी पेश हुए। सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कर रहे एएसपी, सीबीसीआईडी हल्द्वानी को पांचों कथित पीड़ित बीडीसी सदस्यों के साथ, पूरी जांच रिपोर्ट सहित कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तारीख तय की है। रोचक बात यह रही कि आज की सुनवाई में पांचों बीडीसी सदस्य अदालत में उपस्थित नहीं हुए, जिस पर कोर्ट ने उन्हें भी 10 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष हुई। गौरतलब है कि 14 अगस्त को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कुछ सदस्यों के कथित अपहरण और दबाव बनाए जाने की शिकायतें सामने आई थीं। कई निर्वाचित सदस्यों ने इस संबंध में हाईकोर्ट का रुख किया था।
इसी क्रम में बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में इस्तेमाल किए गए एक मतपत्र में ओवरराइटिंग कर क्रमांक 1 को बदलकर 2 कर दिया गया, जिससे उनके मत को अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि अध्यक्ष पद के लिए पुनः निष्पक्ष मतदान कराया जाए।
फिलहाल, कोर्ट ने पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच के संकेत देते हुए अधिकारियों और संबंधित सदस्यों को अगली सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया है।