नैनीताल:डायनासोर पार्क फ्री कहकर जबरदस्ती थोपा जा रहा है रोपवे का महंगा किराया!

Nainital: By saying that Dinosaur Park is free, expensive ropeway fare is being imposed!

सरोवर नगरी पर्यटन नगरी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां सालभर पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है, गर्मियों में मई, जून,तो सर्दियों में दिसंबर और जनवरी मे नैनीताल पर्यटकों से गुलज़ार रहता है। ये महीने टूरिज्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते है इन्ही दिनों नैनीताल में हर तरह का कारोबार खूब फलता फूलता है। चाहे होटल इंडस्ट्री हो या फ़ूड इंडस्ट्री, चाहे लोकल बिजनेस हो या टूरिज्म से होने वाला रेवेन्यू हो। सीजन के वक्त पर्यटकों से सभी को खासा प्रॉफिट मिलता है। 

 

नैनीताल में घूमने की जगहों में सबसे लोकप्रिय जगह स्नो व्यू मानी जाती है। मल्लीताल रिक्शा स्टैंड के पास से स्नो व्यू को जाने के लिए रोपवे का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा दशकों से किया जा रहा है। दो तीन साल पहले रोपवे का किराया 300 रुपए था लेकिन स्नो व्यू में जब से डायनासोर पार्क बना तभी से रोपवे का किराया बढ़ा कर 350 किया गया फिर 360 रुपए और अब 370 रुपए प्रति व्यक्ति कर दिया गया है,और 12  वर्ष से कम उम्र के बच्चों का किराया 270 रुपए कर दिया गया और साइन बोर्ड पर डायनासोर पार्क फ्री लिख दिया गया है,यानी पार्क का चार्ज रोपवे के टिकट में जोड़ कर पार्क को फ्री दिखाया गया है।

 

इस साइन बोर्ड का प्रचार प्रसार ऐसे किया जा रहा है कि लोगो को यही लगे रोपवे संचालकों द्वारा  डायनासोर पार्क के लिए अतिरिक्त छूट दी जा रही है जबकि हकीकत इसके उलट है। रोपवे का किराया बढ़ाकर डायनासोर पार्क फ्री कर दिया गया है। कुमाऊं मंडल विकास निगम और डायनासोर पार्क के ठेकेदार के बीच हुए समझौते में इस कृत्रिम डायनासोर पार्क में एंट्री के टिकट में अगले 15 वर्षों तक प्रति वर्ष 10 रुपए की वृद्धि की व्यवस्था की गई है,जो 50 रुपए से शुरू होकर अब 70 रुपए हो गया है। 


कम बजट वाले पर्यटकों के लिए स्नो व्यू घूमना ऊंची दुकान फीके पकवान जैसा होने लगा है। वरिष्ठ नागरिक अरुण कुमार शाह का कहना है कि इस तरह पर्यटक विरोधी नीति अपनाकर कुमाऊं मंडल विकास निगम मनमानी कर रहा है। वही स्थानीय लोगो और  पर्यटकों की राय के मुताबिक केएमवीएन को डायनासोर पार्क का टिकट अलग से रखना चाहिए ताकि स्नो व्यू जाने वाले पर्यटकों की पसंद नापसंद के अनुसार वो टिकट ले भी सकें और न भी ,साथ ही रोपवे का टिक भी आम आदमी की जेब पर भारी न पड़े।

आज की स्थिति के अनुसार जो व्यक्ति अपने परिवार के साथ स्नो व्यू जा रहा है वो रोपवे के टिकट को खरीद कर अनचाहे मन से डायनासोर पार्क का भी टिकट अप्रत्यक्ष रूप से खरीद रहा है,चाहे उसका मन हो या न हो।