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नैनीताल ब्रेकिंग : दुष्कर्म के आरोपी वकील के खिलाफ एफआईआर निरस्त ! रजामंदी से बने सम्बन्धों को बलात्कार नहीं माना जा सकता-हाईकोर्ट

Nainital breaking: FIR against lawyer accused of rape canceled! Consensual relations cannot be treated as rape: High Court

नैनीताल 15.09.2022 । हाईकोर्ट ने चम्पावत की एक महिला की ओर से अधिवक्ता पर शादी का वादा कर शारीरिक शोषण करने और विवाह न करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी और संबंधित चार्जशीट को निरस्त करने के आदेश दिये हैं।

महिला ने टनकपुर निवासी अधिवक्ता पर आरोप लगाया था कि अधिवक्ता ने स्वयं को तलाकशुदा बताया और उससे विवाह करने का वादा किया। महिला ने आरोप लगाया था कि सहमति से बने संबंधों के बाद वह गर्भवती हो गई लेकिन विवाह न होने के कारण उसे गर्भपात करना पड़ा । महिला द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार अधिवक्ता द्वारा शारीरिक शोषण करने के बाद विवाह करने से मुकर गया जिस पर महिला ने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी।

न्यायमूर्ति शरद शर्मा के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि दोनों के संबंधों में कोई जोर जबरदस्ती या कोई भी ऐसा दबाव नहीं था जिससे ये मामला धारा 376 में दर्ज हो सके। यह आपसी सहमति का मामला है न कि जबरन संबंध बनाने का। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 2021 के निर्णय का हवाला भी दिया जिसमें ऐसे मामलों की विस्तृत व्याख्या करते हुए सहमति से बने और जबरन बनाये गये संबंधों का अंतर स्पष्ट करते हुए ऐसे संबंधों को बलात्कार की श्रेणी में नहीं माना गया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले में प्राथमिकी निरस्त करने के आदेश दिये ।