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नैनीतालः 6 से 8 नवंबर तक मुक्तेश्वर में आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन! जुटेंगे दुनिया भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और उद्योग जगत के प्रतिनिधि

Nainital: An international scientific conference will be held in Mukteshwar from November 6th to 8th. Scientists, researchers, and industry representatives from around the world will gather.

नैनीताल। नवंबर महीने की शुरुआत में मुक्तेश्वर में एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन होने जा रहा है, जो मानव और पशुओं में आपस में फैल रही बीमारियों के समाधान खोजने पर केंद्रित होगा। यह पहल 'वन हेल्थ' यानी 'एक स्वास्थ्य' की अवधारणा पर आधारित है। नैनीताल के मुक्तेश्वर में स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) एक बेहद महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की मेजबानी के लिए तैयार है। 6 से 8 नवंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में दुनिया भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और उद्योग जगत के प्रतिनिधि एक साथ जुटेंगे। इनका प्रमुख उद्देश्य मानव में पशुओं से फैलने वाली बीमारियों का हल खोजना और भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए 'वन हेल्थ' की अवधारणा को मजबूत करना है। संस्थान के संयुक्त निदेशक, वाई.पी.एस. मलिक ने में बताया कि यह सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसमें न सिर्फ मौजूदा बीमारियों के समाधान पर चर्चा होगी, बल्कि शोध की नई ज़रूरतों और तकनीकी विकास पर भी गहन मंथन किया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में, हम मानव में पशुओं से आ रही बीमारियों का हल खोजेंगे। शोध में क्या नई ज़रूरतें हैं, इस पर भी मंथन होगा। अधिकांश बीमारियां पशुओं से मानव में आ रही हैं, जिसमें कोरोना, बर्ड फ्लू जैसी कई शामिल हैं। अगर इन बीमारियों को पशुओं में ही रोक दें और टीके लगा दिए जाएं, तो लोगों को इन बीमारियों से निजात मिल जाएगी। हम वैक्सीन सालों से बना रहे हैं, लेकिन बाज़ार को क्या ज़रूरतें हैं, इसके लिए 36 से ज़्यादा उद्योगों को भी यहाँ बुलाया गया है, ताकि वैक्सीन बेहतर होने के साथ उसकी डिमांड़ बाज़ार में बनी रहे।" वन हेल्थ' के माध्यम से इस सम्मेलन का उद्देश्य पशुधन उत्पादन, संरक्षण और स्वास्थ्य संवर्धन पर केंद्रित चर्चा को बढ़ावा देना है। यह एक ऐसा सशक्त मंच प्रदान करेगा, जहां पशुजन्य रोगों (Zoonotic Diseases), रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance), खाद्य सुरक्षा (Food Safety) और जलवायु परिवर्तन के पशुधन पर पड़ने वाले प्रभाव जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगा।