नैनीताल:अथक प्रयासों के बाद नैनीताल के ब्रिटिशकालीन पाइंस क़ब्रिस्तान का जीर्णोद्धार हुआ शुरू,143 लाख रुपए की लागत से विकसित होगा यहाँ पर्यटन स्थल

नैनीताल में इनदिनों कायाकल्प किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब पर्यटन विभाग द्वारा जिला मुख्यालय के निकटवर्ती पाइंस में स्थित सदियों पुराने क़ब्रिस्तान का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हो गया है। इसके साथ ही यहाँ बने क़ब्रिस्तान को शहर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।
पाइंस क़ब्रिस्तान नैनीताल ही नही बल्कि विश्व स्तर पर भी एक विरासत के तौर पर देखा जाता है क्योंकि ये कब्रिस्तान ब्रिटिशकालीन कब्रिस्तान है जो प्रथम विश्वयुद्ध से भी पहले बनाया गया था,यहां द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मारे गए करीब 150 सैनिकों की कब्रें है,जिनमे से चार कब्र विक्टोरिया क्रॉस प्राप्त सैनिकों की है। अगर आप इस ब्रिटिशकालीन पाइंस क़ब्रिस्तान में जाएंगे तो आपको हर कब्र के ऊपर सम्बंधित व्यक्ति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लिखी हुई दिखाई देगी। जिला मुख्यालय से दूर होने की वजह से और सरकार की अनदेखी की वजह से ये विशिष्ट कब्रिस्तान आज महज घास फूस का मैदान नज़र आता है और यहां बनी कब्रें इन्हीं घासफूस से झांकती हुई नजर आती है।
आपको बता दें कि पाइंस क़ब्रिस्तान की जर्जर हालत की ओर पर्यटन विभाग का ध्यान खींचने में नैनीताल के अरुण कुमार शाह का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है।गृह मंत्रालय के आईबी में कार्यरत रह चुके अरुण कुमार शाह ने पिछले वर्ष भी पाइंस कब्रिस्तान पर अपनी फेसबुक वाल पर एक लंबी पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि पाइंस कब्रिस्तान करीब 140 साल पुराना ब्रिटिश कब्रिस्तान विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है जो चारो ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस ऐतिहासिक कब्रिस्तान को शब्दों में समझना मुश्किल है,एक समय था जब ये कब्रिस्तान ब्रिटिश शासन के अधीन था।दुर्भाग्य से ये कब्रिस्तान आज देखरेख का मोहताज हो गया है।अगर इसे पर्यटन विभाग विकसित करे तो निश्चित ही ये कब्रिस्तान इतिहास के पन्नो में महत्वपूर्ण जगह बनाने में कामयाब हो जाएगा।
इस मामले में अरुण कुमार शाह ने केएमवीएन के एमडी,डीएम नैनीताल,अरविंद गौर, जिला पर्यटन विकास अधिकारी नैनीताल,और पर्यटन सचिव से भी बात की ,उन्होंने बताया कि पाइंस कब्रिस्तान को विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पाइंस कब्रिस्तान को विकसित करने के लिए 143.09 लाख रुपये की लागत का ये प्रोजेक्ट है जिसके ये फ़िलहाल 30 लाख रुपए का फंड जारी किया गया है,जल्द ही यहाँ न केवल कब्रिस्तान की हालत दुरुस्त की जायेगी बल्कि इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।यहां एक पार्क भी बनाया जाएगा। जीर्णोद्धार के बाद इस ऐतिहासिक कब्रिस्तान में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा इत्यादि देशों से भी पर्यटक अपने पूर्वजों की कब्रगाह को देख सकेंगे,साथ ही यहां प्रार्थना कर सकेंगे।