56 साल बाद तिरंगे में लिपटकर घर लौटे शहीद नारायण सिंह! कल चमोली में होगा अंतिम संस्कार, 1968 में हुए विमान हादसे के बाद से थे लापता

Martyr Narayan Singh returned home after 56 years wrapped in the tricolor! Last rites will be held in Chamoli tomorrow, he was missing since the plane crash in 1968.

चमोली। करीब 56 साल बाद आज बुधवार को शहीद नारायण सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर चमोली के गौचर हेलीपैड पर पहुंचा। इस दौरान भारतीय सेना के विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर यहां लाया गया। गौचर में ही सबसे पहले 6 ग्रेनेडियर बटालियन के जवानों ने शहीद नारायण सिंह को सलामी दी। इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर रुद्रप्रयाग ले जाया गया। रुद्रप्रयाग से ही कल गुरुवार सुबह शहीद को उनके पैतृक घर थराली के कोलपुड़ी गांव ले लाया जाएगा, जहां शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि नारायण सिंह वर्ष 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में वायुसेना के एएन-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने पर लापता हो गए थे। 56 साल बाद जिन चार सैनिकों के अवशेष मिले हैं उनमें एक कोलपुड़ी गांव के नारायण सिंह का शव भी शामिल है।
बताया जाता है कि 56 साल पहले 7 फरवरी 1968 को भारतीय वायु सेना के एएन 12 विमान ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन ये विमान बीच रास्ते में ही रोहतांग दर्रे के पास क्रैश हो गया था। हादसे के वक्त विमाम में करीब 102 लोग सवार थे। इस विमान में सवार जवानों की तलाश में सेना ने कई बार सर्च ऑपरेशन चलाया है, लेकिन कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाई। साल 2003 में विमान का मलबा मिला था। इसके बाद साल 2004, 2007, 2013 और 2019 में जवानों की तलाश में विशेष अभियान चलाया गया था। 2019 में सेना का पांच जवानों के अवशेष जरूर मिले थे। वहीं अब साल 2024 में चार अन्य जवानों के अवशेष मिले, जिनमें से एक उत्तराखंड के चमोली जिले के रहने वाले नारायण सिंह बिष्ट थे। नारायण सिंह बिष्ट मेडिकल कोर में तैनात थे।