IPL 2025: क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हुआ वैभव सूर्यवंशी का नाम! 35 गेंद, 100 रन और एकसाथ तोड़े कई रिकॉर्ड, खुद बताई क्रिकेटर बनने की संघर्षभरी कहानी

नई दिल्ली। 35 गेंदों में शतक जड़कर कई रिकॉर्ड तोड़ने वाले 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी हर तरफ छाए हुए हैं। इस दौरान हर कोई उनकी तारीफ करता दिख रहा है। वैभव सूर्यवंशी ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक ठोक इतिहास रच दिया। इस खिलाड़ी ने अपनी पारी में 11 छक्के लगाए और उनका स्ट्राइक रेट 265 से ज्यादा का रहा। इसी के साथ वैभव सूर्यवंशी आईपीएल नहीं पूरे क्रिकेट इतिहास के सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले क्रिकेटर बन गए हैं। प्रोफेशनल क्रिकेट में कभी किसी खिलाड़ी ने 14 साल की उम्र में शतक नहीं ठोका है। यही नहीं वो इस टूर्नामेंट के इतिहास के सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय भी बन गए हैं। इस खिलाड़ी ने यूसुफ पठान का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने साल 2008 में 37 गेंदों में सेंचुरी लगाई थी। दिलचस्प बात ये है कि उस वक्त वैभव सूर्यवंशी का जन्म भी नहीं हुआ था। वैसे आईपीएल इतिहास का सबसे तेज शतक क्रिस गेल के नाम है। उन्होंने 30 गेंदों में ये कारनामा किया था। खबरों के मुताबिक वैभव सूर्यवंशी आईपीएल करियर में पहली तीन पारियों में सबसे ज्यादा 16 छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने ब्रैंडन मैक्कलम के 15 छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ डाला।
क्रिकेटर बनने की संघर्षभरी कहानी
उनकी इस पारी के बाद हर कोई उनका मुरीद हो गया। इस बीच अपनी इस सफलता पर वैभव ने कहा कि जो भी मैं आज हूं अपने पैरेंट्स की वजह से हूं। मेरी प्रैक्टिस की वजह से मां 2 बजे रात में उठती थीं। वो रात में 11 बजे सोती थीं और केवल तीन घंटे की नींद लेती थीं। पापा ने काम छोड़ दिया, मेरा बड़ा भाई पापा का काम संभाल रहा है और उसी से मुश्किल से घर चल रहा है। उनका कहना है कि भगवान देखते हैं और मेहनत करने वाले को कभी असफलता नहीं मिलती है।
राहुल सर के अंडर ट्रेनिंग खेलना ड्रीम से कम नहीं
वैभव ने एक इंटरव्यू के दौरान राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल की कहानी भी बताई। उन्होंने कहा कि जब मैं जब ट्रायल (राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल) में गया था तो वहां विक्रम (राठौड़) सर और रोमी (भिंडर) सर थे। रोमी सर टीम के मैनेजर हैं। मैंने तब ट्रायल में अच्छी बल्लेबाजी की थी। तब उन्होंने बोला था कि हम तुम्हे अपनी टीम में लेने का ट्राय करेंगे। मैं जब टीम में आया तो सबसे पहले उनका कॉल आया था। उन्होंने मुझे बधाई दी थी और फिर उन्होंने राहुल (द्रविड़) सर से बात करवाई थी। काफी अच्छी फीलिंग थी, क्योंकि राहुल सर के अंडर ट्रेनिंग करना, काम करना, खेलना, एक नॉर्मल क्रिकेटर के लिए ड्रीम से कम नहीं है।