उत्तराखंड में 3 साल में एएनटीएफ ने पकड़े 6 हजार नशा तस्कर, 200 करोड़ की ड्रग्स की बरामद

In Uttarakhand, ANTF arrested 6,000 drug smugglers in 3 years, recovered drugs worth Rs 200 crore.

देहरादून। भारत सरकार ने बढ़ते नशे पर लगाम लगाए जाने को लेकर साल 2020 में नशामुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी। उत्तराखंड में भी सीएम धामी ने ड्रग फ्री उत्तराखंड अभियान शुरू किया था। ऐसे में नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ को लेकर मंगलवार को देहरादून में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बताया गया कि उत्तराखंड में पिछले 3 साल में 6 हजार से ज्यादा नशा तस्कर पकड़े गए हैं। इन तस्करों से 200 करोड़ की ड्रग्स बरामद की गई। 

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशामुक्त भारत अभियान के पांच साल पूर्ण होने के पर युवाओं से अपील की है कि वो स्वयं भी नशे को पूरी मजबूती के साथ ना कहें। साथ ही अपने साथियों को भी नशे को ना कहने के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने युवाओं को नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ भी दिलाई। साथ ही स्कूल कॉलेजों में राज्य स्तर पर आयोजित भाषण और निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में मुख्य भूमिका निभाने वाले कर्मवीरों के सहयोग से आज समाज नशे की भयावह समस्या का मुकाबला कर रहा है. नशा केवल एक बुरी आदत ही नहीं, बल्कि समाज को भीतर से खोखला करने वाली एक भयावह चुनौती भी है। ये घातक प्रवृत्ति व्यक्ति की चेतना, विवेक और निर्णय लेने की क्षमता को समाप्त कर उसके पूरे भविष्य को विनाश की ओर ले जाती है। ऐसे में आज नशे का प्रसार वैश्विक स्तर पर एक ‘साइलेंट वॉर’ की तरह हो रहा है, जिसका सबसे बड़ा निशाना युवा शक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी ही नए भारत की ऊर्जा, नवाचार, सामर्थ्य और प्रगति का वास्तविक आधार है। अगर यही एनर्जी किसी नकारात्मक प्रभाव में फंस जाएगी, तो राष्ट्र के विकास की गति भी बाधित हो जाएगी। यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत कर पूरे देश से इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया और इसे एक व्यापक जन-आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया। इसी क्रम में राज्य सरकार भी नशे के खिलाफ इस महाअभियान के तहत ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के संकल्प को साकार करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। 


मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए साल 2022 में त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया। फोर्स ने बीते तीन सालों में 6 हजार से अधिक ड्रग तस्करी के आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 200 करोड़ रुपए से अधिक के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए हैं।  सरकार नशे की प्रवृत्ति को रोकने, नशाग्रस्त व्यक्तियों को फिर से मुख्यधारा से जोड़ने और उनके पुनर्वास के लिए प्रदेश के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बना रही है। वर्तमान में, प्रदेश में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स संचालित हो रहे हैं, जो नशा पीड़ित व्यक्तियों को उपचार, परामर्श और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, एम्स ऋषिकेश की मदद से राज्य में एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी का संचालन भी किया जा रहा है। इसी तरह राज्य के हर जिले के शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग कमेटियों का गठन किया गया है, जिनमें जागरूक विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की गौरवशाली पहचान ऐपण कला को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। आज नशा-विरोधी संदेशों से सुसज्जित ऐपण पेंटिंग्स हमारे शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों की शोभा बढ़ा रही हैं। साथ ही युवाओं को नशे से दूर रखने और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए राज्य में दगड़िया क्लब भी बनाए हैं। सीएम धामी ने प्रदेश के युवाओं से अपील की कि वो खुद भी नशे को पूरी मजबूती के साथ ना कहें और अपने साथियों को भी नशे को ना कहने के लिए प्रेरित करें। साथ ही कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए लगातार काम कर रही है।  लेकिन ये संकल्प तभी सिद्ध हो सकता है, जब युवा पीढ़ी अपनी पूरी ऊर्जा, क्षमता और दृढ़ संकल्प के साथ राज्य सरकार का सहयोग करेगी। साथ ही नशे जैसी बुराइयों से खुद भी दूर रहे और दूसरों को भी दूर रखने का संकल्प ले।