उत्तराखंड में युवती की हत्या मामले में एक आरोपी को फांसी की सजा, दूसरे की जेल में कटेगी पूरी जिंदगी 

In the case of murder of a girl in Uttarakhand, one accused has been sentenced to death, the other will spend his entire life in jail

हरिद्वार जिले के रुड़की में युवती की हत्या के मामले में एक आरोपी को फांसी की सजा और दूसरे आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ एक अन्य आरोपी विधि विवादित किशोर का मामला जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन है। दरअसल, बीती चार साल पहले शादी से इंकार करने पर अनुसूचित समाज की एक युवती की घर में घुसकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। अब मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुना दिया है। 

बता दें कि बीती 24 अप्रैल साल 2021 को रुड़की के कृष्णानगर मोहल्ले की गली नंबर 20 टीचर्स कॉलोनी के रहने वाले दिनेश नामक शख्स ने गंगनहर कोतवाली पुलिस में एक तहरीर दी थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि सफरपुर गांव निवासी हैदर अली उसकी बहन निधि को परेशान कर रहा है। साथ ही शादी के लिए दबाव बना रहा है। जबकि, उनकी बहन शादी से साफ इंकार कर रही है। आरोप है कि हैदर अली ने बीती 24 अप्रैल की दोपहर को अपने साथी रिहान उर्फ आरिश उर्फ राहिल निवासी शाहपुर (गंगनहर) और एक अन्य के साथ उनके घर में घुसकर उसकी बहन पर चाकू से हमला कर दिया था। इतना ही नहीं उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद तत्कालीन कोतवाल मनोज मैनवाल ने हैदर अली, रिहान उर्फ आरिश और एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था,जिसके बाद इस मामले की जांच तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह को सौंपी गई थी। उन्होंने साल 2022 में 5 अप्रैल को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रुड़की (हरिद्वार) रमेश सिंह की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। वहीं, कोर्ट ने इस मामले में तीसरे आरोपी को विधि विवादित किशोर घोषित किया था, जिसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। 

वहीं, मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रमेश सिंह ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर हैदर अली और रिहान उर्फ आरिश को दोषी माना। अदालत ने हैदर अली को फांसी की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इसके साथ ही दूसरे आरोपी आरिश को सश्रम आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। दरअसल, छात्रा निधि उर्फ हंसी हत्याकांड मामले में रुड़की के अधिवक्ता संजीव वर्मा और उनके बेटे हाइकोर्ट अधिवक्ता ने मजबूत पैरवी की। पिता-पुत्र की जोड़ी ने कोर्ट के समक्ष ऐसे तथ्य पेश किए। जिसके चलते मुख्य आरोपी की जमानत याचिका बार-बार खारिज होती रही। हालांकि अधिवक्ता संजीव वर्मा ने ईमानदारी का परिचय देते हुए मजबूती के साथ निधि को न्याय दिलाने के लिए डटे रहे। अधिवक्ता संजीव वर्मा की ठोस पैरवी के चलते अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की कोर्ट ने मुख्य आरोपी हैदर को फांसी की सजा तक पहुंचाया। इसके अलावा उसके सहयोगी रिहान उर्फ आरिश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। निधि उर्फ हंसी को इंसाफ मिलने के बाद उसके परिजनों ने अधिवक्ता संजीव वर्मा का आभार जताया है। वहीं, कोर्ट के फैसले से परिजनों ने संतुष्टि जताई है।