हरियाणा में 'सभी के लिए आवास' का सपना साकार, पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत 2,198 लाभार्थियों को मंज़ूरी

चंडीगढ़। हरियाणा राज्य 'सभी के लिए आवास' के विज़न को साकार करने में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के तहत राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति (एसएलएसएमसी) की दूसरी बैठक आज मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में लाभार्थी-आधारित निर्माण (बीएलसी) वर्टिकल के तहत 2,198 लाभार्थियों को मंज़ूरी दी गई, जिससे 50 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के परिवार सुरक्षित और टिकाऊ घर पाने के क़रीब आएंगे। विभाग के महानिदेशक और आवास विभाग के सचिव श्री जे. गणेशन ने बताया कि प्रत्येक पात्र लाभार्थी को 2.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसमें 1.50 लाख रुपये केंद्रीय हिस्से और 1.00 लाख रुपये राज्य हिस्से से प्रदान किए जाएंगे। इस वित्तीय सहायता से लाभार्थियों को 30 से 45 वर्ग मीटर के बीच कार्पेट एरिया वाले सभी मौसम के अनुकूल पक्के घर बनाने में मदद मिलेगी। यह योजना न केवल शहरी परिवारों के जीवन स्तर में सुधार करेगी, बल्कि उन्हें सुरक्षित और आधुनिक आवास सुविधा भी प्रदान करेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना (एमएमएसएवाई) और पीएमएवाई-यू 2.0 के सफल एकीकरण की समीक्षा भी की गई। एमएमएसएवाई के तहत आवंटित 15,256 एक-मरला प्लॉटों के लाभार्थियों को केंद्रीय आवासन और शहरी मामले मंत्रालय द्वारा उनके घरों के निर्माण के लिए 2.50 लाख रुपये देने की मंज़ूरी दी गई। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बैठक में कहा कि ये मंज़ूरियाँ राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से सार्वभौमिक आवास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उनका कहना था कि इस पहल से हजारों शहरी परिवारों को बेहतर आवास सुविधाएँ मिलेंगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। बैठक में पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए.के. सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, सभी के लिए आवास विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। हरियाणा की यह पहल राज्य में सुरक्षित, टिकाऊ और आधुनिक आवास सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।