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हल्द्वानीः फर्जी प्रमाण पत्रों के मामले में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई! बनभूलपुरा क्षेत्र में 48 स्थायी निवास प्रमाण पत्र कैंसिल, मचा हड़कंप

Haldwani: Major action by the administration in the case of fake certificates! 48 permanent residence certificates cancelled in the Banbhulpura area, causing panic.

हल्द्वानी। हल्द्वानी से एक बड़ी खबर सामने आई है, यहां प्रशासन द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है। बता दें कि पिछले दिनों कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने फर्जी दस्तावेज लगाकर स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया था। इस खुलासे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते तीन सालों में बने स्थायी निवास प्रमाण पत्र की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश के बाद हल्द्वानी तहसील में पिछले पांच साल में बने स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। प्रथम चरण में बनभूलपुरा क्षेत्र के बने स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। इस दौरान 200 प्रमाण पत्रों में से 48 प्रमाण पत्रों में लगाए गए दस्तावेजों में संदिग्धता पाई गई, जिसके बाद एसडीएम ने 48 स्थायी निवास प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया है।

एसडीएम ने बताया कि पहले चरण में हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के स्थाई निवास प्रणाम की जांच की जा रही है। जांच में फोन नंबर से लेकर उनके दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व कुमाऊं कमिश्नर के जनता दरबार में शिकायत मिली थी कि फर्जी डॉक्यूमेंट से दो माह पूर्व बरेली से आए एक व्यक्ति का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बन गया है। जब कमिश्नर द्वारा मामले की गोपनीय जांच कराई गई तो जानकारी में आया कि हल्द्वानी तहसील में अरायजनवीस (दस्तावेज़ लेखक) द्वारा उसका स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाया गया था। इसके बाद कमिश्नर दीपक रावत ने बनभूलपुरा क्षेत्र के एक सीएससी सेंटर में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान कमिश्नर दीपक रावत को सीएससी सेंटर में कई दस्तावेज मिले, जिसके बाद उन्होंने आरोपी अरायजनवीस फैजान और कथित लाभार्थी लईक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में यूपीसीएल के एक कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई थी। बनभूलपुरा पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एसडीएम राहुल शाह ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि किसी भी सरकारी कार्य के लिए रजिस्ट्रेशन करते समय केवल मूल दस्तावेज ही अपलोड करें। फोटोस्टेट या अपूर्ण दस्तावेज देने से असुविधा हो सकती है और शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जा सकती है।