गुरु-शिष्य रिश्ते पर फिर लगे दाग:छात्रा की सहेली का हौसला! गुमनाम पत्र से उजागर हुई शिक्षक की काली करतूत,एफआईआर अभी भी लंबित

शिक्षा के मंदिर कहलाए जाने वाले विद्यालय में गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। एक शिक्षक ने अपनी छात्रा के साथ अनुचित संबंध बनाए,जिसके परिणामस्वरूप छात्रा, कोई रास्ता न देख पाने के कारण,आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाकर अपने जीवन का अंत कर लिया। ये हमारे नहीं पीड़ित मृतका छात्रा की सहेली ने गुरु-शिष्य के रिश्ते पर सवाल उठाते हुए शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं इस मामले का एक लिखित प्रार्थना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। वही मामला सामने आने के बाद गर्व से उठने वाला गुरु का शीश एक बार फिर से नीचे झुक गया है।
रुद्रपुर शहर के बहुत प्रसिध्द विद्यालय माने जाने वाले जनता इंटर कालेज रुद्रपुर के शिक्षक पर ही 12वीं की नाबालिग छात्रा को प्रेमजाल में फंसाकर उससे दुष्कर्म करने का आरोप है। छात्रा गर्भवती हुई तो उसने लोकलाज व लोगों के सवालों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। गुरुजी ने मामला दबा दिया और बेखौफ होकर गुरु बनकर कॉलेज में डटा हुआ है। दूसरी तरफ, मृतक छात्रा की सहेलियों ने मामले में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीजीपी के साथ ही मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। लेकिन, मामले की जानकारी होने के बावजूद इतने संगीन मामले में कार्रवाई नहीं की गई। संदिग्ध आत्महत्या का मामला अभी भी इंटर कालेज प्रबंधन व सीईओ कार्यालय के बीच झूल रहा है। मुख्यमंत्री व डीजीपी स्तर के निर्देश के वाबजूद मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। गौरतलब है कि 22 मई 2025 को जनता इंटर कालेज की 12वीं की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या का कारण स्कूल के एक अध्यापक के साथ प्रेम संबंध है। चूंकि, छात्रा कम उम्र में ही गर्भवती हो गई और समय अधिक होने के कारण गर्भपात नहीं करवा पायी। मामला स्कूल परिसर से बाहर चर्चा का विषय बनने के बाद उसने अपनी जान देकर लोगों से सवालों से छुटकारा पाया। घटना के बाद कुछ छात्राओं ने हिम्मत दिखाई और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व डीजीपी सहित मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत को पत्र भेजकर घटना की जानकारी दी। पत्र में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता अर्जुन सिंह व एक अंशकालिक शिक्षक पर आरोप लगाए गए। पत्र भेजने वाली छात्रा ने मृत छात्रा को सहेली बताया और इसमें सिलसिलेवार सारा विवरण दिया। इसमें आरोपित शिक्षक व छात्रा के मोबाइल नंबर,चैट,कालेज में आरोपित शिक्षक और छात्रा के प्रेम संबंध से जुड़ी सारी गतिविधियों का बारीकी से विवरण दिया गया है।
वही हमारी टीम ने जनता इंटर कॉलेज में हुई घटना की जानकारी जुटाने के लिए छात्रों और शिक्षकों से बात की। जिसके बाद पता चला कि आरोपी शिक्षक अर्जुन, अपने निजी और पारिवारिक प्रभाव के कारण विद्यालय का प्रमुख चेहरा बन गया था, जिसकी सिफारिश पर कार्रवाई और ड्यूटी निर्धारण होता था। मृतका छात्रा की आत्महत्या के बाद, प्रधानाचार्य ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की, जिसने मृतका के घर जाकर जानकारी जुटाई। परिजनों ने अर्जुन और एक शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए, जिनकी पुष्टि कक्षा अध्यापिका और दो अन्य शिक्षकों ने की। प्रधानाचार्य ने बताया कि अर्जुन और मृतका के संबंधों पर कई छात्रों ने सवाल उठाए। जांच जारी है कि मृतका को आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाना पड़ा और अर्जुन को विद्यालय छोड़कर स्थानांतरण क्यों करना पड़ा।
जानकारी जुटाने के दौरान पता चला कि आरोपी शिक्षक अर्जुन के एक पूर्व शिक्षिका के साथ भी अवैध संबंध थे। इस शिक्षिका ने कई बार प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। जानकारी मिली कि मृतका छात्रा से अर्जुन ने वीडियो कॉल के जरिए कई बार संपर्क किया। वर्तमान में कार्यरत एक शिक्षिका इन दोनों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती थी, जिसके जरिए अर्जुन और मृतका अक्सर मिलते थे। इसके अलावा, अर्जुन और एक अन्य शिक्षक मजूमदार कथित तौर पर मृतका की कक्षाएं छुड़वाकर उससे घंटों बात करते थे। इन तथ्यों ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। जांच कमेटी इस मामले की गहन पड़ताल कर रही है ताकि पूर्ण सत्य उजागर हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
जनपद ऊधम सिंह नगर के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने वायरल शिकायती पत्र के आधार पर जनता इंटर कॉलेज के प्रबंधन और प्रधानाचार्य को जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया। कमेटी ने जांच के दौरान पूर्व छात्राओं को बुलाया, जिनमें से कई ने लिखित बयानों में आरोपी शिक्षक के खिलाफ आरोपों की गवाही दी। छात्राओं ने घटना के तथ्यों को लिखित रूप में कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया, जिससे मामले की गंभीरता स्पष्ट हुई। वही इस पूरे मामले में जनता इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सतीश अरोरा ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अन्य छात्राओं के बयान दर्ज किए। बयानों से पता चला कि आरोपी शिक्षक का व्यवहार उस छात्रा के प्रति असामान्य था और वह उसे विशेष तवज्जो देता था। डॉ. अरोरा ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दी है और दोषी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक पर लगे आरोपों की सत्यता पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। प्रधानाचार्य ने यह भी पुष्टि की कि 12वीं कक्षा की छात्रा की मृत्यु हुई है और वह गर्भवती थी। लेकिन उन्होंने शिक्षक की संलिप्तता पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला अब पुलिस के हाथ में है।
जनता इंटर कॉलेज, ऊधम सिंह नगर में हुए इस मामले की सच्चाई अभी सामने आनी बाकी है। शिक्षा के मंदिर में ऐसा जघन्य अपराध हर एक माता-पिता के भरोसे को तोड़ता है। पिछले दो दिनों से विभिन्न बातें सामने आ रही हैं, जिनकी पुष्टि नहीं हुई। कई बातो के सामने आने के बाद भी पुलिस की चुप्पी है ये बड़ा सवाल है। वही इस मामले में कथित तौर पर रुद्रपुर के एक प्रभावशाली और दायित्व धारी नेता की संलिप्तता की बात भी उभरी है। पुलिस को सक्रिय होकर मामले की गहन जांच कर सत्य उजागर करना चाहिए, ताकि छात्राओं का भविष्य सुरक्षित हो और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान सार्थक हो। वही इस दुखद घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक मासूम छात्रा की जिंदगी, जो अपने भविष्य के सपने संजो रही थी, सामाजिक दबाव और शर्मिंदगी के कारण खत्म हो गई। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हमारा समाज और शिक्षा तंत्र कहां कमी कर रहा है। क्या हम अपनी बेटियों को सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं? क्या शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे लोग अपनी नैतिकता और कर्तव्यों को भूल रहे हैं? इस मामले में पुलिस जांच के नतीजे और दोषियों को मिलने वाली सजा ही यह तय करेगी कि समाज में न्याय और विश्वास की बहाली हो पाएगी या नहीं। लेकिन यह घटना हर उस व्यक्ति के लिए एक चेतावनी है जो शिक्षा के मंदिर को पवित्र रखने की जिम्मेदारी निभाता है।