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अलविदा असरानी: नहीं रहे अंग्रेजों के जमाने के जेलर! मशहूर अभिनेता गोवर्धन असरानी का निधन, 84 की उम्र में ली आखिरी सांस

Goodbye Asrani: The British-era jailer is no more! Renowned actor Govardhan Asrani passed away at the age of 84.

नई दिल्ली। सिनेमा जगत से जुड़ी एक दुखद खबर सामने आई है। मशहूर अभिनेता और निर्देशक गोवर्धन असरानी का सोमवार दोपहर, 20 नवंबर को मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने 84 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। असरानी का अंतिम संस्कार शाम को सांताक्रुज स्थित शास्त्री नगर श्मशानभूमि में परिवार और करीबी लोगों की मौजूदगी में शांतिपूर्वक किया गया। उनके मैनेजर बाबुभाई थीबा ने जानकारी दी कि असरानी का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं था और आज उन्होंने अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार, असरानी नहीं चाहते थे कि उनके निधन के बाद कोई शोर या हलचल मचे। उन्होंने अपनी पत्नी मंजू असरानी से पहले ही कह दिया था कि उनकी मृत्यु की खबर किसी को न दी जाए। इसी कारण परिवार ने बिना किसी औपचारिक घोषणा के चुपचाप उनका अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि गोवर्धन असरानी ने अपने लंबे करियर में सैकड़ों फिल्मों में अभिनय किया और अपनी कॉमिक टाइमिंग तथा अनोखे अंदाज से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। ‘शोले’ में जेलर के किरदार से लेकर ‘चुपके चुपके’, ‘आ अब लौट चलें’ और ‘हेरा फेरी’ जैसी फिल्मों तक, असरानी ने हर पीढ़ी को अपनी कला से प्रभावित किया। हिन्दी सिनेमा ने अपने एक ऐसे अभिनेता को खो दिया है, जिसने हंसी और अभिनय दोनों से दर्शकों का दिल जीता। असरानी मूल रूप से राजस्थान के जयपुर शहर के रहने वाले थे। उनकी पढ़ाई सेंट जेवियर्स स्कूल जयपुर से हुई। पांच दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में असरानी ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने हास्य अभिनेता और सहायक अभिनेता के रूप मे कई यादगार किरदारों के जरिए अपनी पहचान बनाई। 1970 के दशक में वह अपने करियर के शिखर पर थे। इस दौरान उन्होंने मेरे अपने, कोशिश, बावर्ची, परिचय, अभिमान, चुपके-चुपके, छोटी सी बात, रफू चक्कर जैसी फिल्मों में काम किया। 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले में जेल वार्डन के उनके किरदार को हमेशा याद किया जाएगा।