झारखंड में पहली बार सरकारी अस्पतालों में अनुबंध आधारित चिकित्सक देंगे सेवा! स्वास्थ्य मंत्री ने 126 डॉक्टरों को दी नियुक्ति

झारखंड के लिए आज का दिन खास रहा। चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों को 126 नये विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी मिल गए हैं। हालांकि इनकी नियुक्ति अनुबंध आधारित हुई है जिसका कार्यकाल प्रारंभ में एक साल और अधिकतम तीन वर्षों की होगी। रांची में नामकुम के आईपीएच प्रेक्षागृह में आज 22 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने नवनियुक्त इन विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपकर बधाई दी। जिन 126 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है। इनमें सबसे अधिक 22 शिशु रोग चिकित्सक सम्मिलित हैं। इसके बाद 20 सर्जन, 19 गायनेकोलाजिस्ट, 17 एनेस्थेटिक्स, 11 जेनरल मेडिसिन, 10 हड्डी रोग विशेषज्ञ, नौ नेत्र रोग विशेषज्ञ, पांच ईएनटी विशेषज्ञ, पांच साइकेट्रिस्ट, चार रेडियोलाजिस्ट और इतने ही त्वचा रोग विशेषज्ञ सम्मिलित हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अनुबंध पर 219 चिकित्सकों की टेंडर के जरिए नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था जिसमें 126 ने ही रुचि दिखाई। इस मौके पर नियुक्ति पत्र पानेवाले चिकित्सकों ने खुशी जताते हुए सरकार का अनुबंध आधारित नियुक्ति पॉलिसी की सराहना की।
राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर 1000 नागरिकों पर एक डॉक्टर होना चाहिए, जबकि झारखंड में एक डॉक्टर पर करीब 3000 मरीजों का बोझ है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में करीब 37,000 डॉक्टरों की आवश्यकता है जिसमें करीब 7500 ही उपलब्ध हैं. इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। वर्तमान में 1200 विशेषज्ञ चिकित्सक पद के विरुद्ध मात्र 300 कार्यरत हैं। ऐसे में सरकार अनुबंध पर चिकित्सकों की नियुक्ति कर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की कमी को दूर करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगी है जो सफल हो रही है। यही कारण है कि रांची सदर अस्पताल बेहतर प्रबंधन के लिए देश का दूसरा सरकारी अस्पताल बन गया है। जिसको लेकर यूपी सरकार ने झारखंड सरकार से प्रजेंटेशन की मांग की है जिसे हमलोग भेजने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए सरकार ने मूंहमांगी राशि देकर अनुबंध पर नियुक्ति करने का निर्णय लिया। यह पहली बार है जब राज्य में इतनी संख्या में अनुबंध पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है. नियुक्त होने वाले चिकित्सकों को अपने च्वाइस के अनुसार पदस्थापित किया जा रहा है।