परीक्षा पे चर्चाः मोदी सर की क्लास से जुड़े देशभर के स्टूडेंट्स! बोले- टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी, पेरेंट्स प्रेशर न डालें

नई दिल्ली। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सोमवार को 10वीं और 12वीं के छात्रों से बोर्ड एग्जाम्स को लेकर बातचीत की। इस मौके पर देशभर के छात्र मोदी सर की क्लास से जुडे और उनकी बातें सुनीं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबसे पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं। कोई इतने ही समय में सब-कुछ कर लेता है, तो कोई यही कहता रहता है कि समय नहीं है। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि पेरेंट्स और टीचर्स बच्चों की भावनाओं को समझें। परिवार बच्चों को प्रेशर देता है, बच्चे को आर्टिस्ट बनना है, तो कहते हैं कि इंजीनियर बनो। माता-पिता आप अपने बच्चों की इच्छाओं को समझिए, क्षमताओं को समझिए। मदद कीजिए। हमें सोचना चाहिए कि परीक्षा जरूरी है या जीवन। टीचर्स दूसरे बच्चों से तुलना न करें। कुछ कहना है तो अलग से कहें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग खुद से स्पर्धा नहीं करते, दूसरे से करते हैं। जो खुद से स्पर्धा करता है, उसका विश्वास कभी टूटता नहीं। टार्गेट हमेशा ऐसा हो, जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। 95 प्रतिशत मार्क्स लाने का टारगेट था और 93 प्रतिशत आए तो आप सफल हैं।
उन्होंने कहा कि आप लोगों को मेडिटेशन करना चाहिए। आपके मन में क्या चल रहा है, उसे भी सोचिए। अगर ऐसा कर रहे हैं तो आपका ध्यान केंद्रित हो रहा है। परेशानी, चिंता से निकलने के लिए प्राणायाम कीजिए। आपको आपकी बॉडी पर कंट्रोल होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर किसी पल को जिया नहीं तो वो चला जाएगा, फिर नहीं लौटेगा। याद करें कि अपने भाई से पहले बहुत बात करते थे, अब नहीं करते। पहले स्कूल से आते ही सारी बात मां को बताते थे, अब नहीं कर रहे हैं। धीरे-धीरे आप सिमटते जाते हैं। इसके बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि टाइम मैनेजमेंट सीखें, सबसे पास दिन में 24 घंटे होते हैं। कोई इसमें सब-कुछ कर लेता है, कोई रोता रहता है कि पढ़ने का समय नहीं मिलता। वास्तव में वो अपना समय मैनेज करना नहीं जानते। यह सोचना चाहिए कि हम अपने समय का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे करें। उन्होंने कहा कि जितने दोस्त हैं, उन्हें याद करो। उनके पूरे नाम लिख सकते हो क्या? नहीं। इसका मतलब कि जिसे आप अच्छा दोस्त मानते हो उसकी जानकारी कम है। फिर सोचो कि उसके गुण लिख सकते हैं क्या। इसके बाद आपको किसी भी बात में पॉजिटिव खोजने की आदत पड़ जाएगी।