संकटः इजरायल पर ईरान का अटैक! तेल की कीमतों में 3 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी, जानें भारत पर क्या होगा असर?

नई दिल्ली। मंगलवार देर रात ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं, जिससे युद्ध जैसा हालात बन गए हैं। इससे पहले इजरायली हमले में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह मारे गए थे और अब जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया है। इस बीच तेल उत्पादक देश ईरान के युद्ध में शामिल होने से कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है। मंगलवार को तेल की कीमतों में लगभग 3% की बढ़ोतरी देखी गई। ग्लोबल ट्रेडमार्क क्रूट ब्रेंट 1.86 डॉलर यानी 2.6% बढ़कर 73.56 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 1.66 डॉलर यानी 2.4% बढ़कर 69.83 डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को ही दोनों क्रूड बेंचमार्क में 5% से अधिक का उछाल देखा गया था। पिछले सप्ताह ब्रेंट में लगभग 3% की गिरावट आई थी, जबकि WTI में लगभग 5% की गिरावट आई। हालांकि, ईरान के साथ इजरायल के संघर्ष की संभावना के मद्देनजर सोमवार को तेल की कीमतों में उछाल आया। ईरान के प्रॉक्सी हिजबुल्लाह और यमन के हूती विद्रोहियों पर इजरायल के तेज होते हमले के बीच तनाव के और अधिक बढ़ने की आशंका है जिससे तेल की कीमतें बढ़ीं। शीर्ष तेल उत्पादकों में शामिल ईरान पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) का एक प्रमुख सदस्य है।
भारत पर क्या होगा असर?
भारत की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक कच्चे तेल पर निर्भर है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का उपभोक्ता है और अपनी जरूरत का 85 फीसद से अधिक तेल आयात करता है। ऐसे में तेल की बढ़ती कीमतों का असर भारत पर भी देखने को मिल सकता है। भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरत का कुछ हिस्सा ईरान से भी खरीदता है। हालांकि, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से भारत की तेल खरीद कम हुई है। वित्त वर्ष 2014-15 में जहां भारत ने ईरान से 4 अरब डॉलर से अधिक का कच्चा तेल खरीदा था वहीं 2019-20 में यह गिरकर महज 1.4 अरब डॉलर रह गया था।