लव जिहाद मामले में अदालत की तीखी टिप्पणी! मुस्लिम पुरुष पूरी प्लानिंग के साथ हिन्दू महिलाओं को कर रहे हैं टॉरगेट, जानें किस मामले में सुनाई गई युवक को उम्रकैद की सजा

बरेली। यूपी की एक अदालत ने लव जिहाद के मामले में तीखी टिप्पणी करते हुए एक युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस दौरान बरेली अदालत के एडिशनल सेशन जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि लव जिहाद के तहत मुस्लिम पुरुष पूरी प्लानिंग के साथ हिंदू महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक एक हिंदू लड़की के साथ बार-बार बलात्कार करने के लिए एक मुस्लिम व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए यूपी की अदालत ने हाल ही में ‘लव जिहाद’ की व्याख्या की। अदालत ने कहा कि मुस्लिम पुरुष शादी के माध्यम से इस्लाम में धर्मांतरण के लिए हिंदू महिलाओं को निशाना बनाते हैं और प्यार का नाटक कर धोखे से हिंदू महिलाओं से शादी करते हैं और उनका धर्म परिवर्तित कराते हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बरेली, रवि कुमार दिवाकर ने अपने 42 पेज के आदेश में कहा कि ‘लव-जिहाद’ का मुख्य उद्देश्य कुछ ‘विशेष धर्म के अराजक तत्वों’ द्वारा भारत पर वर्चस्व/प्रभुत्व स्थापित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि लव जिहाद के जरिए अवैध धर्मांतरण किसी बड़े मकसद को पूरा करने के लिए किया जाता है और अगर भारत सरकार ने समय रहते इसे नहीं रोका तो देश को भविष्य में इसके ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने पड़ सकते हैं। अदालत ने आलम को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए ये टिप्पणियां कीं।
क्या था मामला?
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि पीड़िता बरेली के एक कोचिंग सेंटर में कंप्यूटर कोर्स कर रही थी, जहां उसकी मुलाकात दोषी मोहम्मद आलम से हुई, जिसने अपना परिचय आनंद के रूप में दिया। उसने लड़की से दस दिन के भीतर कोर्ट में शादी करने का वादा किया और शादी करने के बहाने उसे एक होटल के कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया और इस कृत्य का वीडियो भी बनाया। बाद में वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर वह उसे कई बार होटल में ले गया और दुष्कर्म किया। जब वह गर्भवती हो गई तो उसका गर्भपात करा दिया गया और उसे इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन जब लड़की इसके लिए राजी नहीं हुई तो दोषी और उसके परिवार के सदस्यों ने उसके साथ मारपीट की।