सराहनीयः अधिकारी हों तो ऐसे! टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर फंसे यात्रियों की मदद को आगे आया प्रशासनिक अमला, देर रात तक जुटे रहे खाने-पीने और ठहराने की व्यवस्था में

Commendable: Officers should be like this! Administrative staff came forward to help the stranded passengers on Tanakpur-Pithoragarh highway, remained busy till late night in making arrangements for

चंपावत। मंगलवार को टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच संतोला के पास बंद होने से कई यात्री रास्ते में फंस गए और देर रात तक एनएच नहीं खुल पाया। यात्रियों की दिक्कतों को देखते हुए एसडीएम रिंकू बिष्ट के नेतृत्व में देर रात तक प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू अभियान चला कर उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों के लोगों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों से लोहाघाट लाकर भोजन आदि करवाने के पश्चात लोहाघाट नगर पालिका के बरात घर, एनेक्सी भवन, रैन बसेरे आदि स्थलों में ठहराया गया। यात्रियों में बड़ी संख्या में महिलाएं, छोटे बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग, संन्यासी व मेहनत मजदूरी करने वाले लोग शामिल थे। एसडीएम के नेतृत्व में देर रात तक चले अभियान की कमान अलग-अलग स्थलों में अलग- अलग अधिकारियों के द्वारा संभाली गयी।

जिसमें ज़िला पूर्ति अधिकारी मनोज शाह, तहसीलदार जगदीश नेगी, नायब तहसीलदार बाराकोट हरीश नाथ गोस्वामी, राजस्व उप निरीक्षक मोहित मेहता, राजीव मेहरा, नीरज कुमार, अनुज उप्रेती, सलमान ख़ान, सुनील, दिनेश चौबे के साथ ही पूर्ति विभाग के कर्मचारियों के साथ ही प्रमुख व्यवसाई, समाज सेवी कीर्ति बल्लभ बगौली व नगर पालिका के लोग शामिल रहे। अभियान में कीर्ति बगोली की भूमिका सराहनीय रही, जिनके द्वारा सभी यात्रियों के लिए देर रात तक बिस्तर आदि की व्यवस्था की गई। वहीं फंसे हुए यात्रियों द्वारा मुसीबत की घड़ी में उनकी मदद करने के लिए प्रशासन की टीम को धन्यवाद दिया गया। अभियान में उत्तराखंड परिवहन निगम की तीन बसों से लगभग 100 से अधिक लोगों को लाया गया, जिसमें की 16 महिलाएं, एक गर्भवती महिला, 12 छोटे बच्चे, 7 बुजुर्ग व अन्य लोग थे। छोटे बच्चों के परिजनों के लिए दूध आदि की व्यवस्था की गई। वहीं एनएच खोलने के प्रयास बुधवार को भी जारी है।