बड़ी खबरः दिल्ली में पकड़े गए 13 बांग्लादेशी घुसपैठिए! शातिराना तरीके से हिन्दुस्तान में हुए थे दाखिल, पहचान छिपाने के लिए धारण किया था ट्रांसजेंडर का वेश

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आई है, यहां पुलिस ने 13 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। ये घुसपैठिए औचंडी इलाके से पकड़े गए हैं। खबरों के मुताबिक ये सभी बंगलादेशी दो साल पहले अवैध तरीके से देश मे दाखिल हुए थे। तब से अलग-अलग इलाकों में मजदूरी का काम कर रहे थे। पुलिस ने जब से अवैध घुसपैठियों की तलाश तेज की है, ये तब से छिप कर रहने की कोशिश में थे। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेने के बाद एफआरआरओ के हवाले कर दिया, जहां से इन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट करने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। पकड़े गए बांग्लादेशियों की पहचान मोहम्मद रफीकुल पुत्र नागोर, खोटेजा बेगम पत्नी मोहम्मद रफीकुल, मोहम्मद अनवर हुसैन पुत्र मोहम्मद सईद, मोहम्मद अमीनुल इस्लाम पुत्र मोहम्मद नफूसे, जोरिना बेगम पत्नी मोहम्मद अनवर हुसैन, अफरोजा खातून पत्नी मोहम्मद अमीनुल इस्लाम, मोहम्मद खाखोन पुत्र मोहम्मद रफीकुल, हसना पत्नी मोहम्मद खाखोन के रूप में हुई है। वहीं इनके साथ 5 नाबालिग बच्चे भी हैं।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बांग्लादेश से दिल्ली लाने में उनकी मदद जलील नाम के एक शख्स ने की थी। वो बांग्लादेश का ही रहने वाला है। जलील के कहने पर यह सबसे पहले बस पकड़ कर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर आए। वहां से इन्हें ऐसी जगह पर ले जाया गया, जहां से वे आराम से भारत में घुस गए। इसके बाद ऑटो पकड़ कर कूच बिहार पहुंचे। वहां से रेलवे स्टेशन से जालील ने सबका दिल्ली का टिकट कराया और वापस बांग्लादेश लौट गया। इस तरह तेरह घुसपैठिए दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली ट्रेन से उतरने के बाद यह हरियाणा के लिए बस पकड़ा और वहां पर जाकर एक ईंट-भट्टे में मजदूरी करने लगे। करीब 1 साल तक वहां काम करने के बाद दूसरी जगह चले गए। कुछ समय पहले दिल्ली आ गए और यहां आकर मजदूरी करने लगे। दिल्ली पुलिस अवैध घुसपैठियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। 13 मई हेड कांस्टेबल राजबीर को एक मुखबिर ने सूचना दी कि कुछ बांग्लादेशी औचंदी गांव में रह रहे हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने जाल बिछाया और औचंदी गांव से 13 अवैध बांग्लादेशी लोगों को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने बांग्लादेश से होने और भारत में रहने के लिए उचित दस्तावेज न होने की बात स्वीकार की है। ये सभी लोग बांग्लादेश के खुदीग्राम जिले के खुशावली गांव के रहने वाले हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने तीन अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था, जो पहचान उजागर होने के डर से ट्रांसजेंडर का वेश धारण किए हुए थे।
उन तीनों को आजादपुर नई सब्जी मंडी के पास से पकड़ा गया था। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 8 मई को एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों बांग्लादेशी नागरिक ट्रांसजेंडर बनकर रहे हैं। वे शहरी में घुलने-मिलने और संदेह से बचने के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते हैं। पुलिस ने तीनों को धर दबोचा। उनकी पहचान मोहम्मद मकसुदा (40), अब्दुल हकीम (33) और फईम पायल (21) के रूप में हुई। वे सभी ढाका, मैमनसिंह और नारायणगंज सहित बांग्लादेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। उनके पास से 4 मोबाइल बरामद किए गए, जिनमें एक प्रतिबंधित एप्लिकेशन था। इसका इस्तेमाल वे बांग्लादेश में अपने परिवारों से संपर्क के लिए करते थे। वे एजेंटों की मदद से भारत में घुसे थे। इससे पहले भी दिल्ली पुलिस ने पूर्वी जिला में अवैध रूप से रह रहे छह बांग्लादेशी महिलाओं को हिरासत में लिया था। उनके पास से कोई वैध डॉक्यूमेंट नहीं था।