Awaaz khulasa Rudrapur: पुलिसकर्मी पर पत्नी और बेटी को छोड़ दूसरी शादी करने के लगे संगीन आरोप! बच्ची को हक और पिता का नाम दिलवाने के लिए पीड़िता ने एसएसपी और सीएम को भेजा पत्र

रुद्रपुर। उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर की रहने वाली एक महिला ने पुलिस विभाग में तैनात सिपाही पर संगीन आरोप लगाए हैं। आरोप के अनुसार पुलिसकर्मी ने महिला के साथ विवाह किया था जिसके बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन पुलिसकर्मी ने उसे और बच्ची को अकेले छोड़कर दूसरा विवाह कर लिया और अब महिला ने बच्ची को उसके पिता का नाम और हक दिलवाने के लिए पुलिसकर्मी की शिकायत उत्तराखंड पुलिस और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पंजीकृत डाक के माध्यम से की है।
रुद्रपुर खेड़ा निवासी महिला के मुताबिक पुलिस विभाग में कार्यरत हर्ष वर्धन सिंह ने साल 2019 में उसके साथ विवाह किया था और उसके बाद शहर के ही सामिया स्थित एक फ्लैट में उसके साथ रह रहा था। महिला के मुताबिक साल 2020 में जब वह गर्भवती हुई तो हर्षवर्धन सिंह ने ड्यूटी और प्रेगनैन्सी में देखभाल का बहाना करते हुए महिला को उसकी माँ के पास भेज दिया, जहां महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद हर्षवर्धन ने महिला और बच्ची से किनारा कर लिया। यही नहीं महिला का आरोप है कि वह मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपना और बच्ची का भरण पोषण कर रही है और हर्षवर्धन से हक मांगने पर वह खाकी का रौब दिखाते हुए उसे झूठे मुकमदे में फंसाने और जान से मारने की धमकी देता है। महिला ने एक अन्य व्यक्ति हिमांशु सरकार पर हर्षवर्धन का नाम लेकर उसे डराने, धमकाने के भी गंभीर आरोप लगाए हैं। हांलाकि आवाज 24x7 किसी भी प्रकार के आरोपों की पुष्टि नहीं करता है।
वहीं इस मामले में जब पुलिसकर्मी हर्षवर्धन सिंह से बात की गयी तो उन्होंने महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया। हर्षवर्धन ने बताया कि महिला से उसकी थोड़ी बहुत बोलचाल थी, लेकिन उसने महिला के साथ विवाह नहीं किया है और न ही किसी भी तरह के कोई संबंध बनाए हैं। इसलिए विवाह और उससे बच्ची पैदा होने के आरोप बेबुनियाद हैं जबकि महिला पहले से ही शादीशुदा है। हर्षवर्धन ने आगे बताया कि इससे पहले साल 2021 में उक्त महिला यही शिकायत पुलिस से कर चुकी है जिस पर आपसी समझौता होने के बाद मामले को निपटा दिया गया था, लेकिन पैसे के लालच में महिला दोबारा झूठे और मनगढ़ंत आरोप उस पर लगा रही है।
महिला द्वारा उत्तराखंड पुलिस को भेजे गए पत्र के अनुसार महिला और पुलिसकर्मी ने आपस में विवाह किया था जिसके बाद उन्हें एक बच्ची पैदा हुई, लेकिन पुलिसकर्मी के अनुसार उनका विवाह नहीं हुआ था और न ही किसी तरह के कोई संबंध बने थे इसलिए महिला से पैदा हुई बच्ची उसकी नहीं है। ऐसे में एक महिला जो अपनी पुत्री को उसके पिता का नाम और हक दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ रही है वहीं दूसरी तरफ पुलिसकर्मी द्वारा महिला के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करना मामले को पेचीदा बना रहा है। अब देखना ये खास होगा कि क्या पुलिस बच्ची को न्याय दिलवाने के लिए डीएनए टेस्ट तक जाती है या फिर मामला आपसी सहमति से निपटा दिया जाता है।