आवाज फैक्ट चैकः बांग्लादेश में सुंदर महिला का ‘‘हलाला’’ के लिए दो गुटों में हिंसा! झूठा निकला सोशल मीडिया का दावा, जानें किस वजह से भिड़े थे मुसलमानों के दो गुट?

Awaaz Fact Check: Violence between two groups for 'Halala' of a beautiful woman in Bangladesh! Social media claim turned out to be false, know why two groups of Muslims clashed?

बांग्लादेश को लेकर इन दिनों जहां सोशल मीडिया पर खूब बहस छिड़ी हुई है, वहीं तरह-तरह के मामले भी सामने आ रहे हैं। यहां हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरों के बीच कुछ ऐसी खबरें भी सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं, जो हैरान और परेशान करती हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में तबलीगी जमात की धाराओं से जुड़े लोगों के बीच भीषण दंगा हुआ, जिसमें दर्जनभर लोगों की मौत हो गई है। सोशल मीडिया पर झगड़े का वीडियो भी शेयर किया जा रहा है। हैरान और परेशान करने वाली बात ये है कि सोशल मीडिया पर दावा यह किया जा रहा है कि दोनों गुट इसलिए एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए, क्योंकि एक सुंदर महिला का हलाला किया जाना है। क्या सच में बांग्लादेश में ऐसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। जब इसके बारे में तमाम जगहों से जानकारी जुटाई गयी तो सच्चाई कुछ और ही निकली। 

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर वीडियो के साथ दावा किया गया है कि एक खूबसूरत महिला का हलाला करने के चक्कर में दो गुटों के मुसलमानों के बीच मार-काट मच गई। दावा किया जा रहा है कि दोनों गुट तबलीगी जमात के हैं। दोनों में इस बात के लिए झगड़ा हुआ है कि उस खूबसूरत महिला का हलाला किस गुट का मौलाना करेगा? दावा यह भी किया गया है कि तबलीगी जमात का एक गुट तो मौलाना साद का अनुयायी है, जबकि दूसरा गुट पाकिस्तानी मौलाना तारिक जमील को मानता है। कुछ समाचार पोर्टलों ने भी ’’खूबसूरत महिला का हलाला करने के चक्कर में मौलवियों के बीच खून-खच्चर’, बिछी 12 लाशें’’ जैसी हेडिंग से खबर पोस्ट की है। 

जब इसकी सच्चाई जानने के लिए हिंदी और अंग्रेजी में ‘‘बांग्लादेश में सुंदर महिला के लिए तबलीगी जमात के दो गुटों में भीषण झड़प, 12 लोगों की मौत’’ को लेकर इंटरनेट खंगाले तो कुछ ठोस सबूत हाथ नहीं लगे। फिर यूट्यूब पर बांग्ला में सर्च किया तो कई वीडियोज मिल गए। यूट्यूब वीडियोज की हेडिंग से इंटरनेट सर्च की तो कई खबरें मिल गईं।

इन खबरों के मुताबिक, बांग्लादेश में तबलीगी जमात को दो गुटों में हिंसक झड़प जरूर हुई है, लेकिन हलाला के लिए नहीं बल्कि एक आयोजन स्थल को लेकर। एक गुट नई दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद कांधलवी जबकि दूसरा गुट ढाका के मौलाना जुबैर अहमद का अनुयायी है। दोनों के बीच टोंगी इलाके के तुराग तट पर विश्व इज्तेमा मैदान पर नियंत्रण को लेकर झड़प हुई थी। खबरों के मुताबिक 1960 के दशक से विश्व तब्लीगी जमात का वार्षिक सम्मेलन, जिसे इज्तेमा के नाम से जाना जाता है, टोंगी में तुराग के तट पर होता रहा है। 2018 में दो गुटों के बीच टकराव होने पर सरकार को इज्तेमा का आयोजन कर हस्तक्षेप करना पड़ा था। बाद में तय हुआ कि दोनों पक्ष दो बार इज्तेमा करेंगे। तब से ऐसा ही हो रहा है।

इस वर्ष ककरैल मरकज के मौलाना जुबैर अहमद के अनुयायियों ने 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक पांच दिवसीय जॉर्डन इज्तेमा मनाया। फिर 20 दिसंबर को मौलाना साद के अनुयायियों को इसी तरह का पांच दिवसीय जॉर्डन इज्तेमा मनाना था। इसी कार्यक्रम को लेकर दोनों गुटों के बीच झगड़ा हुआ। 

कुल मिलाकर बांग्लादेश में मुसलमानों के दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई, यह दावा सही पाया गया है। हालांकि 12 लोगों की नहीं बल्कि 4 लोगों की मौत होने की पुष्टि हो रही है। वहीं खूबसूरत महिला का हलाला के लिए दोनों गुटों में मार-काट मचने का दावा बिल्कुल गलत है। वहां इज्तेमा के आयोजन को लेकर झगड़ा हुआ है। यह दावा भी गलत है कि कि एक गुट पाकिस्तान के मौलाना तारिक जमील का अनुयायी है। बांग्लादेश में तबलीगी जमात के जिन दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ है, उनमें एक मौलाना साद कांधलवी तो दूसरा मौलाना जुबैर अहमद का समर्थक है। और पड़ताल में सोशल मीडिया ‘हलाला’ को लेकर किया गया दावा झूठा निकला। ऐसे में हर किसी पोस्ट पर सीधे प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए, क्योंकि आजकल लोग बिना सोचे-समझे कुछ भी पोस्ट कर देते हैं, जिसके चलते अक्सर तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है।