अल्मोड़ाः गढ़भोज दिवस पर लमगड़ा महाविद्यालय में हुआ कार्यक्रम! पारंपरिक उत्तराखंडी भोजन को प्रोत्साहित और संरक्षित करने का लिया संकल्प

Almora: Program organized in Lamgada College on Garbhoj Day! Resolved to encourage and preserve traditional Uttarakhandi food

अल्मोड़ा। राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा में सोमवार को शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से गढ़भोज दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान असि. प्रो. हेमन्त कुमार बिनवाल ने बताया कि वर्तमान में पारम्परिक उत्तराखण्डी भोजन को प्रोत्साहित एवं संरक्षित करने हेतु परम्परागत फसलों एवं भोजन के उत्सव को गढ़भोज दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। औषधीय गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने तथा निरोगी काया एवं स्वस्थ समाज की कल्पना को साकार करने हेतु यह दिवस मनाया जाता है। हमारी इस अद्वितीय प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण हेतु चिंतन करने का अवसर है, जिसमें मंडुवा (कोदा), झंगोरा, चौलाई, जॉ पारंपरिक भोजन को वर्तमान में दैनिक भोजन में शामिल करना चाहिये। ये भोजन पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, पहले तो इन भोजन को सिर्फ गरीब वर्ग ही धनाभाव के कारण ग्रहण करता था, लेकिन वर्तमान में अमीर वर्ग इस भोजन की ओर आकर्षित हो रहा है। क्योंकि ये भोजन अनेक बीमारियों को दूर करता है। इस अवसर पर गोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. साधना पन्त ने कहा कि हमें अपने पारपरिक भोजन को वर्तमान में अपनाने की जरूरत है। इन भोजन में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के बारे में भी अवगत कराया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक वर्ग, कर्मचारी वर्ग, बीए प्रथम, तृतीय पंचम सेमेस्टर के छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।