आजसू पार्टी ने ओबीसी आरक्षण की ट्रिपल टेस्ट में लगाया अनियमितता का आरोप! टेस्ट प्रक्रिया की जानकारी जनता को उपलब्ध कराने की मांग

रांची। आजसू पार्टी ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा पर झारखंड में नगर निगम चुनावों में ओबीसी आरक्षण की "ट्रिपल टेस्ट" प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया है। आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर और युवा नेता संजय मेहता ने ये आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि झामुमो-कांग्रेस ओबीसी आरक्षण में धोखाधड़ी करने की साजिश कर रहे हैं। प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि "ट्रिपल टेस्ट" को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि डोर-टू-डोर सर्वे नहीं किया गया है। ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से पहले राज्य सरकार को इस टेस्ट की प्रक्रिया की पूरी जानकारी जनता को उपलब्ध करानी चाहिए क्योंकि इसमें पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव है। उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नगर निगम चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट अनिवार्य है, जिसमें डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से पिछड़े वर्ग की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और राजनीतिक प्रतिनिधित्व का आकलन किया जाना है। प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि राज्य के विभिन्न नगर निगम क्षेत्रों से जानकारी सामने आ रही है कि जमीनी स्तर पर कोई सर्वे नहीं हुआ है, राज्य सरकार बंद कमरे में रिपोर्ट तैयार करवा रही है ताकि पिछड़ों का हक छीना जा सके।
आजसू पार्टी के युवा नेता संजय मेहता ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि ट्रिपल टेस्ट में एकत्रित आंकड़ों का सत्यापन सरकार कैसे करेगी? संस्थानों का चयन किस आधार पर किया गया है और पूरा काम कैसे हुआ है. ट्रिपल टेस्ट का सैंपल कैसे एकत्रित किया जा रहा है, कौन कर रहा है, यह सब पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक किया जाना चाहिए। संजय मेहता ने कहा कि राज्य सरकार के ट्रिपल टेस्ट में कोई पारदर्शिता नहीं है। पहले राज्य सरकार पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए बिना ही नगर निगम चुनाव कराना चाहती थी, लेकिन जब आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सुप्रीम कोर्ट का आदेश लेकर आए, तो ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की गई। आजसू पार्टी के दबाव में एक साल से खाली पड़े पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गई। अभी भी 04 महीने से राज्य चुनाव आयुक्त का पद नहीं भरा जा रहा है। संजय मेहता ने पूछा कि क्या राज्य सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बिना कोई काम नहीं करेगी। प्रेस वार्ता में मीडिया समन्वयक परवाज खान और युवा आजसू समन्वयक बबलू महतो भी मौजूद थे।