अल्मोड़ा में रहस्यमयी बीमारी का खौफ! 7 लोगों की मौत, स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप, पानी में मिला बैक्टीरिया
 
 अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जिले में लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक हैरान और परेशान करने वाली खबर सामने आई है। यहां कुछ क्षेत्रों में इन दिनों वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। परेशान करने वाली बात ये है कि जिले के धौलादेवी और चौखुटिया क्षेत्र में अज्ञात कारणों से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है, ऐसे में स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इधर लगातार हो रही मौतों ने ग्रामीणों की चिंता भी बढ़ा दी है और लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक मृतकों की पहचान 62 वर्षीय गंगा दत्त जोशी निवासी गंगोलीहाट, 60 वर्षीय हरीश चंद्र जोशी, 72 वर्षीय मदन राम, जागेश्वर की आशा कार्यकर्ता हंसी भट्ट, 45 वर्षीय दया शंकर पांडे, 45 वर्षीय गोविंद सिंह बजेला, 70 वर्षीय चंद्रा देवी के रूप में हुई है। वहीं चौखुटिया निवासी 35 वर्षीय कैलाश चंद्र की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। मामले को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्र तिवारी ने बताया कि इन मौतों के बाद संक्रमण से ग्रसित 11 अन्य लोगों के सैंपल लिए गए हैं। इसमें से 7 की रिपोर्ट आई है, जिनमें 4 टाइफाइड पॉजिटिव पाए गए हैं।
3 लोगों की स्क्रीनिंग टेस्ट किए गए हैं, जिसमें एक को स्क्रब टाइफस, दूसरे को लेप्टोस्पायरोसिस और तीसरे को लाइम डिजीज होना पाया गया है। जिनकी कन्फर्मेशन रिपोर्ट आनी बाकी है, जबकि 4 ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं 7 लोगों की मौत पर उन्होंने बताया कि 3 लोग वायरल से भी ग्रसित थे, जबकि जिन 4 लोगों की मौत हुई है, उनकी उम्र अधिक थी। लिहाजा मौत का कारण हार्ट अटैक भी हो सकता है। हालांकि इन लोगों की मौत किन कारणों से हुई, उसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्र तिवारी ने बताया कि तत्काल डॉक्टरों की 16 टीमों को अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया है। ये टीमें घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दे रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार पानी के सैंपल ले रही है और खून की जांच भी कर रही है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य कैंप लगाए गए हैं, ताकि लोग समय पर इलाज प्राप्त कर सकें। सीएमओ ने बताया कि पानी के रिपोर्ट में क्लोरोफॉर्म बैक्टीरिया पाया गया है। इसके लिए जल संस्थान को क्षेत्र की पानी की टंकी में क्लोरोफाई के लिए कहा गया है। वहीं नेचुरल जल स्रोतों के पानी को उबाल कर पीने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि लोग बुखार या किसी भी प्रकार के संक्रमण के लक्षण दिखने पर घर में न रुकें। तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से परामर्श लें और स्वयं इलाज न करें। 
 
  
   
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
 