निजी न्यूज चैनल में कार्यरत मीडियाकर्मी की निर्मम हत्या! चाकू से किए 25 वार ,पेट से बाहर आ गई आतें,सड़क पर तड़पता रहा मीडियाकर्मी और लोग बनाते रहे वीडियो
प्रयागराज के सिविल लाइंस क्षेत्र में, हर्ष होटल के निकट, गुरुवार की रात एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। धूमनगंज के शकुंतला कुंज कॉलोनी में रहने वाले 48 वर्षीय मीडियाकर्मी लक्ष्मी नारायण सिंह की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि आसपास के लोगों को भी गहरे सदमे में डाल दिया। शुक्रवार की शाम को डॉक्टरों के एक पैनल ने उनके शव का पोस्टमार्टम किया, जिसमें खुलासा हुआ कि उनके शरीर पर चाकू के 25 से ज़्यादा गहरे घाव थे। ये घाव इतने गंभीर थे कि उनके पेट, सीने, कमर और हाथों पर गहरे निशान छोड़ गए, और उनकी आंतें तक बाहर निकल आई थीं। इस बर्बरता ने हत्यारे की क्रूर मानसिकता को उजागर कर दिया।
यह घटना गुरुवार रात करीब 10:30 बजे सिविल लाइंस के जीएचएस रोड पर हुई। लक्ष्मी नारायण, जो मूल रूप से बलिया के रहने वाले थे और कई वर्षों से धूमनगंज में अपने परिवार के साथ रह रहे थे, एक निजी समाचार चैनल के लिए काम करते थे। उस रात नशे में धुत विशाल नाम का युवक मीडियाकर्मी के किसी परिचित के बेटे साहिल को ले जा रहा था , एलएन सिंह ने उसे रोका,जिस पर दोनों की खूब कहासुनी भी हुई,जिसके बाद गुस्से में विशाल ने चाकू से हमला बोल दिया। विशाल ने चाकू निकालकर उन पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विशाल ने एक के बाद एक कई बार चाकू से वार किए, जिससे लक्ष्मी नारायण लहूलुहान होकर फुटपाथ पर गिर पड़े। उनके शरीर से खून की धार बह रही थी, और वह दर्द से कराहते हुए मदद की गुहार लगा रहे थे। बताया जा रहा है कि साहिल की मां और विशाल के बीच पहले भी किसी बात को लेकर विवाद हो चुका था।
आसपास के लोगों ने बताया कि यह मंजर इतना भयावह था कि उनकी चीखें सुनकर कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। सड़क पर खून का दहशतनाक नजारा था, और लक्ष्मी नारायण करीब 20 मिनट तक तड़पते रहे। लेकिन अफसोस, इस दौरान कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। कुछ लोग तो इस भयानक दृश्य को अपने फोन में कैद करने में व्यस्त रहे, लेकिन किसी ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश नहीं की। आखिरकार, सूचना मिलने पर सिविल लाइंस थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अपने वाहन में स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल ले गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने लगभग दो घंटे तक उनकी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन गहरे घावों और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
घटना के बाद शुक्रवार को पूरे इलाके में दहशत का माहौल रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि गुरुवार रात जब चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं, तो वे बाहर निकले और देखा कि लक्ष्मी नारायण खून से लथपथ सड़क पर पड़े थे। उनके पेट और पैरों से खून बह रहा था, और वह बार-बार गिर रहे थे। एक स्थानीय युवक ने बताया कि हमलावर विशाल पर जैसे कोई सनक सवार थी। वह बार-बार लक्ष्मी नारायण पर चाकू से वार कर रहा था, और उसकी आंखों में गुस्से की जगह एक अजीब सी क्रूरता झलक रही थी। यह देखकर लोग सहम गए और कोई भी उसका सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्यारे विशाल को धूमनगंज थाना क्षेत्र के नेहरू पार्क के पास पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हो गई, जिसमें विशाल के पैर में चार गोलियां लगीं। उसे घायल अवस्था में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पूछताछ में विशाल ने बताया कि उसने खुल्दाबाद की मछली मंडी से 80 रुपये में चाकू खरीदा था। उसने स्वीकार किया कि साहिल के साथ हुए विवाद के बाद उसने गुस्से में आकर लक्ष्मी नारायण पर हमला किया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि विशाल नशे का आदी है और व्हाइटनर समेत कई तरह के नशीले पदार्थों का सेवन करता है।
प्रयागराज पुलिस ने विशाल के खिलाफ हत्या और अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अपर पुलिस आयुक्त डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि नशे से जुड़े विवाद ने इस जघन्य हत्या को जन्म दिया। पुलिस इस मामले के हर पहलू की गहन जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस घटना के पीछे कोई और वजह तो नहीं थी।