9/11 बरसीः मानव इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला जब हुआ! 70 देशों के हज़ारों लोग मारे गए, ढाई करोड़ डॉलर का इनाम रखा गया हमले के ज़िम्मेदार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन पर! वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उस दर्दनाक मंजर की टीस आज भी है ताजी
9/11 साल 2001 इतिहास के पन्नो में एक ऐसी तारीख के रूप में दर्ज हो चुकी है जो सिर्फ आसमानी खूनी खेल के तौर पर याद की जाती है। अमेरिका में न्यूयॉर्क के मैनहट्टन स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स पर हुए आतंकी हमले की आज 23वी बरसी है। इस हमले में 70 देशों के करीब 3 हज़ार लोग मारे गए। ये आतंकी घटना आज भी उन सभी परिवारों के जहन में है जिनके अपने उस वक्त ट्विन टॉवर में मौजूद थे। कुछ लोग अटैक के समय अपने घर बात कर रहे थे तो जिस प्लेन को हाईजैक करके हमला किया गया था उस प्लेन में बैठे कुछ लोग भी अंतिम बार अपने घर पर बात करके बता रहे थे कि बस कुछ देर और फिर सब कुछ खत्म हो जाएगा।
सोचिये ये पल कितना दर्दनाक रहा होगा जब प्लेन में बैठे लोगों को सामने मौत दिखाई दे रही थी और वो ये भी जान चुके थे कि उनकी मौत के साथ साथ कई और लोगो की भी मौत होगी जो ठीक सामने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अपने रोज के कामो में व्यस्त थे। उस वक्त करीब 18 हज़ार कर्मचारी हर रोज की तरह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में काम कर रहे थे।सभी लोग सुबह घर से भले चंगे निकले होंगे। 19 आतंकवादी आसमान से चार हाईजैक किये विमान लेकर हमले के लिए निकल पड़े। दो विमान सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर सीधे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स से टकरा गए विमान में सवार सभी यात्री मारे गए, बिल्डिंग चंद मिनटों में ढह गई।तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराया और चौथा विमान शेंकविले के खेत मे क्रैश हो गया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स 1966 में बनने शुरू हुए थे और 1973 में बनकर तैयार हुए, दुनिया के सबसे बड़े व्यापार का केंद्र ये टावर्स 2001 में आतंकवादी हमले का निशाना बना गया।
प्लेन हाईजैकर्स में से 15 सऊदी अरब के थे बाकी यूएई, लेबनान और मिस्र के आतंकवादी थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी अलकायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन ने ली। ओसामा को ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए ढाई करोड़ डॉलर का इनाम रखा गया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए आतंकी हमले के ठीक दस साल बाद 2011 में अमेरिकी सैनिकों ने ओसामा बिन लादेन को जिंदा पकड़ा और उसे गोली मारी। ओसामा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से केवल 60 किलोमीटर की दूरी पर मिला जिसे वहीं पर खत्म कर दिया गया। ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की पुष्टि खुद बराक ओबामा ने की थी। ओसामा की मारे जाने की खबर के बाद देश भर में खुशी का माहौल देखने को मिला था। अमेरिकी प्रेसिंडेट हाउस के बाहर हज़ारों की संख्या में लोग ने इकठ्ठा होकर अपनी खुशी व्यक्त की थी।
दस्तावेज़ों से भी पता चला कि ओसामा ने अपने अनुयायिकों को अमेरिकी रेपचार्टर विमान का इस्तेमाल करना चाहता था पटरियों को काटने के लिए प्रोत्साहित किया था। यकीनन अगर इस घटना को वाकई अंजाम दिया गया होतो तो सैकड़ों लोग मारे जाते। बताया गया कि ओसामा बिन लादेन 9/11 जैसे हमले को दोबार अंजाम देने के लिए बहुत उत्सुक था। लेकिन वो एयरपोर्ट पर सख्त सुरक्षा स्थितियों से भी वाकिफ था। अल-क़ायदा की अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी इकाई के प्रमुख को ओसामा बिन लादेन के लिखे एक पत्र से खुलासा हुआ कि, ओसामा देश पर अगले हमले के लिए एक पैसेंजर प्लेन की जगह चार्टर विमान का इस्तेमाल करना चाहता था। पत्र में ये भी लिखा था कि, अगर प्लेन से हमला नहीं किया जा सके तो रेलवे को निशाने पर लिया जा सकता।
लेखक और इस्लामिक विद्वान नेली लाहौद (जिन्होंने अपने करियर का अधिकांश समय अल-कायदा पर शोध करने में बिताया है) ने बता कि, ओसामा बिन लादेन के पास सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री थी। उसका कहना था कि, 12 मीटर स्टील रेल को हटा दिया जाए जिससे ट्रेन पटरी से उतर सके. पत्र में लिखा था, लादेन ने कहा कि आप जानते हैं, आप एक कंप्रेसर का उपयोग कर सकते हैं। आप लोहे को गलाने के उपकरण का उपयोग कर सकते हैं।