बिहार में पटना समेत दस शहरों में 80 हजार ई-रिक्शा चालक नाबालिग! यातायात नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं धज्जियां

बिहार में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। जानकारी और खबरों के अनुसार, बिहार में लगभग 80,000 नाबालिग बच्चे ई-रिक्शा चला रहे हैं, जो न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन रहा है। बिहार में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों की समस्या एक सामाजिक, आर्थिक और कानूनी चुनौती है। इसे हल करने के लिए सरकार, पुलिस, और सामाजिक संगठनों को मिलकर काम करना होगा। साथ ही, शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाकर बच्चों को इस जोखिम भरे काम से दूर रखा जा सकता है।
ई-रिक्शा चलाने वाले 80 हजार चालक नाबालिग हैं। इनमें 40 हजार ई-रिक्शा चालक को दाएं-बाएं की समझ नहीं है। इस वजह से हर महीने 15 हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं केवल ई-रिक्शा के कारण होती है। यह बातें परिवहन विभाग के सर्वे में निकल कर आयी है। राजधानी पटना समेत राज्य के दस शहरों में जून में यह सर्वे करवाया गया है। इनमें पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, सीतामढ़ी, मधुबनी, नालंदा, आरा, सोनपुर, वैशाली शामिल हैं। सर्वे की मानें तो राजधानी पटना समेत राज्य के दस शहरों को मिलाकर एक लाख 45 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं। इनमें 80 हजार ई-रिक्शा चालक नाबालिग है।
इतना ही नहीं, कई नाबालिग ई-रिक्शा चालक ओवरलोडिंग भी कर रहे हैं। बता दें कि आये दिन रिक्शा के कारण सड़क दुर्घटनाएं होती है। इसमें देखा गया है कि ज्यादातर ई-रिक्शा चालक नाबालिग हैं। पिछले तीन सालों की बात करें तो पटना समेत दस शहरों में 80 फीसदी तक ई-रिक्शा की संख्या बढ़ी है। जहां वर्ष 2023 में 30 हजार के लगभग ई-रिक्शा की संख्या थी, वहीं अब केवल इन दस शहरों में एक लाख 45 हजार ई-रिक्शा की संख्या हो गई है। विभिन्न एजेंसी के माध्यम से ई-रिक्शा की खरीदारी होती है। लेकिन इसके चालक को लेकर गंभीरता नहीं है। जिला परिवहन कार्यालय की ओर से ई-रिक्शा के लिए लाइसेंस कोई और ले रहा है। जबकि इसे चलाता कोई और है। सबसे ज्यादा गया, भागलपुर, पटना में चला रहे नाबालिग ई-रिक्शा राजधानी पटना में पांच में से तीन ई-रिक्शा नाबालिग चलाते हैं। पटना में कुल 50 हजार में 25 से 30 हजार ई-रिक्शा नाबालिग ही हैं। वहीं गया और भागलपुर में भी ई-रिक्शा चालकों की संख्या काफी है। गया में कुल दस हजार में छह हजार और भागलपुर में 20 हजार में दस हजार ई-रिक्शा नाबालिग चला रहे हैं। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के पकड़े गये 5743-रिक्शा चालक जिला परिवहन कार्यालय ने ऐसे 5743 ई-रिक्शा चालकों को पकड़ा है, जिनके पास ई-रिक्शा चलाने का लाइसेंस नहीं है। लेकिन यह यात्रियों की जान जोखिम में डालकर ई-रिक्शा चला रहे हैं। इनमें 4076 ऐसे चालक थे जो नाबालिग हैं। जो बालिग थे, उनके पास भी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। जबकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत मोटर लगे हुए किसी भी वाहन को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। ओवरलोडिंग करने से उलट जाता है ई-रिक्शा यू टर्न की जानकारी नहीं, ओवरटेक और उसपर से ओवरलोडिंग करके ई-रिक्शा चलाया जाता है। कई बार इसका असर यह होता है कि चालक की लापरवाही के करण यूटर्न लेते समय ई-रिक्शा पलट जाता है। जिससे ई-रिक्शा पर बैठे यात्री गिर जाते हैं। यह घटनाएं आए दिन होती रहती है।