हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल से सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगा दिखाकर आखिर क्यों भाग जाते हैं मरीज

नैनीताल जिले के कोविड 19 समर्पित हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से आये दिन कोई न कोई मरीज भाग रहा है कभी भागे हुए मरीज का शव अस्पताल के ही बाथरूम में मिलता है आखिर ऐसा हो क्यो रहा है कि सुशीला तिवारी अस्पताल ठीक होने गए मरीजो को अस्पताल ही डरा रहा है?कल भी कोरोना के दो मरीजो के अस्पताल से भागने पर हड़कम्प मच गया ,हालांकि दोनों मरीजो को पुलिस ने पकड़ लिया लेकिन अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हो गए हैं।सुशीला तिवारी अस्पताल की अव्यवस्थाओं की कहानी पिछले कई महीनों से अखबारों में छप रही है प्रशासन द्वारा संज्ञान में आते ही एक्शन तो लिया जाता है लेकिन सिर्फ एक या दो दिन ही प्रशासन की आज्ञा का पालन होता है तीसरे दिन फिर जस का तस माहौल बन जाता है । ठीक हो चुके कोरोना मरीजो के अनुसार सुशीला अस्पताल किसी नरक से कम नही है बिना नाम लिखने की शर्त पर सुशीला तिवारी अस्पताल से आये एक मरीज ने कहा कि अगर आपको हल्की सर्दी जुखाम हो तो भूले से भी अस्पताल मत जाना सुशीला तिवारी भेजे जाने के बाद आपको जीते जी जहन्नुम का एहसास हो जाएगा।ऐसे ही कई मरीजो ने भी अपनी राय दी है। सुशीला तिवारी अस्पताल पूरे कुमाऊँ का इकलौता ऐसा अस्पताल है जहां कुमाऊँ मण्डल के हर जिले से लोग अपने इलाज के लिए आते है ये अस्पताल के साथ साथ मेडिकल कॉलेज भी है इसके बावजूद यहाँ की बदहाली बढ़ती ही जा रही है ,15 दिन से ज़्यादा हो चुके है लेकिन अब तक एमआरआई मशीन ठीक नही हो पाई है।गायिनी की ओटी में पानी रीस रहा है,ऑन ड्यूटी कोविड वार्ड से वार्ड बॉय ही गायब हो जाता है।मरीजो के साथ ठीक से व्यवहार नही किया जाता,ऐसे में मरीज खुद को किसी जेल में बन्द महसूस करता है यही कारण है कि मरीज आये दिन सुरक्षा को ठेंगा दिखाते हुए भाग कर अपने घर पहुंच जाते हैं।