हरिद्वार : पुलिस कस्टडी में हुई युवक की मौत का रहस्य गहराया

रुड़की पुलिस की कस्टडी में हुई युवक की मौत के मामले में मृतक अखिलेश के पिता दया शंकर दीक्षित ने पुलिस पर षड्यंत्र रचने, पुलिस को दी गई तहरीर को बदलने और पुलिस द्वारा राजेश रैना और उसके दो साथियों के साथ मिलकर उनके बेटे अखिलेश की हत्या करने के गंभीर आरोप लगाए है। मृतक अखिलेश के पिता का आरोप है कि षड्यंत्र के तहत कनखल थाने में उनके द्वारा दी गई तहरीर में फेरबदल कर दिया गया। मृतक के पिता का यह भी आरोप है कि वह बड़े से लेकर छोटे पुलिस अधिकारी तक चक्कर काटते रहे, मगर उनकी कहीं कोई सुनवाई नही हुई। अब मृतक के परिजन इस मामले में इंसाफ की मांग कर रहे है।


आपको बता दे कि कनखल थाना क्षेत्र के संदेश नगर निवासी अखिलेश दीक्षित 34 वर्ष शादीशुदा है और दो बच्चों के पिता है। बीती 4 सितबर को शाम 6 बजे के करीब अखिलेश घर से बिना बताए चले गए थे। जाने से पहले अखिलेश दीक्षित ने अपने घरवालों के नाम एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। अखिलेश के पिता ने कनखल थाने में तहरीर दी थी जिसके बाद थाने में अखिलेश की गुमशुदगी दर्ज कर ली गई थी। 2 दिन बीतने के बाद 6 सितबर को अखिलेश के मित्र शिवम कर्णवाल की नाबालिग बहन भी घर से फरार हो गई थी। इस मामले में शिवम कर्णवाल ने पुलिस में अखिलेश पर अपनी नाबालिग बहन के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने अखिलेश और नाबालिग लड़की को चंडीगढ़ से एक साथ बरामद किया था जिसके बाद पुलिस दोनों को हरिद्वार वापस ला रही थी और रास्ते मे भगवानपुर के पास अचानक अखिलेश की हालत बिगड़ी जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने अखिलेश को मृत घोषित कर दिया।


इस मामले में मृतक अखिलेश दीक्षित के पिता का कहना है की हमारा बेटा बीती 4 सितंबर से गायब है और जो तहरीर हमारे द्वारा पुलिस को दी गई हैं उसको भी पुलिस द्वारा बदल दिया गया है। हमने एसएसपी हरिद्वार से लेकर तमाम अधिकारियों के चक्कर काटे मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारे द्वारा इस मामले में तीन अभियुक्तों के नाम भी पुलिस को दिए गए हैं मगर उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जांच अधिकारी हिमानी का फोन आया और उनके द्वारा हमें रुड़की बुलाया गया रुड़की अस्पताल पहुंचने पर हमें पता लगा कि हमारे बेटे अखिलेश की पुलिस कस्टडी में मृत्यु हो गई है। इसमें तीन अभियुक्त सुरेश रैना, शिवम कर्णवाल और अनुराग त्यागी के साथ मिलकर पुलिस द्वारा साजिश की गई और मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। पुलिस के साथ गांठ करने की कॉल रिकॉर्डिंग भी मेरे पास है। हमारे बेटा घर में सुसाइड नोट छोड़ कर गया था उसमें उसमें लिखा था कि मम्मी पापा मुझे माफ कर दीजिए मेरी जीने की इच्छा अब नहीं रही है। हमे इस मामले में इंसाफ चाहिए। 


अखिलेश की पत्नी का भी कहना है कि पुलिस द्वारा सिर्फ एक ही एंगल पर जांच की गई पुलिस मेरे पति को चंडीगढ़ लेने चली गई और पुलिस द्वारा हमें कोई सूचना नहीं दी गई। पुलिस की कस्टडी में मेरे पति की मृत्यु कैसे हो गई। इस घटना में लड़की वालों द्वारा मेरे पति को गोली मारने की धमकियां भी दी गई। मेरे पति 4 तारीख को घर छोड़ कर चले गए थे जिसके बाद से पुलिस ने हमसे ना तो कोई बात की और ना ही हमारे कोई बयान दर्ज किए। इसमें मैं इंसाफ की मांग करती हूं और मैं चाहती हूं कि जो भी सच है वह सबके सामने आए तीन अभियुक्तों के नाम हमारे द्वारा पुलिस को दिया गए हैं उनको पुलिस ने क्यों नहीं पकड़ा कोई पूछताछ नही की गई इसमें सभी षड्यंत्र का पर्दाफाश होना चाहिए।



वही रुड़की अस्पताल में मौके पर पहुँचे अधिकारी का कहना है कि उन्हें पुलिस कस्टडी में मौत की कोई जानकारी नही है। सूचना मिलने पर वह यहां पहुचे है इसमे मृत्यु के कारणों का पता नही चला है मृतक के शरीर पर कोई चोट के निशान नही है मौत के कारण जानने के लिए बॉडी का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और जिलाधिकारी के आदेश पर तीन डॉक्टर्स का पैनल जांच के लिए बनाया गया है।


इस घटना में मृतक के परिजन पुलिस पर कस्टडी में अपने बेटे की हत्या करने और तीन अभियुक्त के साथ मिलकर षड्यंत्र रचने का आरोप लगा रहे है, वही पुलिस कस्टडी में हुई युवक की मौत से पुलिस पर भी सवालिया निशान लग रहे है। जब हमने इस मामले में पुलिस के अधिकारियो से संपर्क साधने की कोशिश की तो अधिकारियों ने विभन्न कार्यो में व्यस्त होने की बात कही। अब इस मामले में मृतक के परिजन इंसाफ की गुहार लगा रहे है।