यूपीसीएल को झटका,दो सप्ताह में कर्मचारियों के बिजली मीटर बिल कोर्ट में पेश करें-हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश में बिजली विभाग में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पावर कारपोरेशन द्वारा सस्ती बिजली मुहैय्या कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपीसीएल को निर्देश दिए है कि कर्मचारियों के वहां लगे मीटरों के बिल दो सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करें। 

आज सुनवाई के दौरान यूपीसीएल की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सभी कर्मचारियों के वहां मीटर लगाकर चालू कर दिए गए है, जिस पर कोर्ट ने नवस्थापित मीटरों के बिलों को भी कोर्ट में पेश करने को कहा। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति खुल्बे की खण्डपीठ में हुई । मामले के अनुसार देहरादून की आरटीआई क्लब ने  जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1 महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपए एवं अन्य कर्मचारियों से 100 रुपए ले रही है जबकि इनका बिल लाखो में आता है जिसका बोझ सीधे जनता पर पड़ रहा है। 

वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घर बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं जो लगे भी है वे खराब स्थिति में हैं। उदारहण के तौर पर जनरल मैनेजर का 25 माह का बिजली का बिल 4 लाख 20 हजार आया था।वहीं कोर्पोरेशन ने वर्तमान कर्मचारियों के अलावा रिटायर व उनके आश्रितों को भी बिजली मुफ्त में दी है जिसका सीधा भार आम जनता की जेब पर पड़ रहा है । याचिकर्ता का यह भी कहना है कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश घोषित है लेकिन यहां हिमांचल से अधिक मंहगी दर पर बिजली दी जा रही है जबकि वहाँ बिजली का उत्पादन तक नही होता है। याचिकर्ता का यह भी कहना है घरों में लगे मीटरों का किराया पावर का कारपोरेशन कब का वसूल कर चुका है परन्तु हर माह के बिल के साथ जुडकर आता है जो गलत है जबकि उपभोक्ता उसके किराया कब का दे चुका है।