नकली सेनिटाइजर से बचे-घर पर बनाये सेनिटाइजर वो भी आसानी से

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इन दिनों सैनिटाइजर की भूमिका अहम हो चुकी है, लेकिन जो सेनिटाइजर आप विश्वास के साथ इस्तेमाल कर रहे हैं क्या वाकई असली है?बड़े पैमाने पर आजकल नकली सैनिटाइजर के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में घर में ही आप थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए सैनिटाइजर बना सकते हैं।भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक बताते हैं कि घर में सैनिटाइजर बनाना कितना आसान है।


सेनेटाइजर बनाने का तरीका देखें :-


Isopropyl alcohol - 75%


Hydrogen peroxide - 1%


Glycerol or Glycerine- 2%


Disinfectant - 1%


Distilled water or RO water - 20%

 CSIR यानी काउंसिल ऑफ साइंस एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च  की IIP यानी इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पैट्रोलियम संस्थान देहरादून द्वारा इन दिनों कोविड-19 की लड़ाई में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून की लैब में जहां कोविड-19 सैंपल की जांच हो रही है वही संस्थान के रासायनिक वैज्ञानिक संस्थान में सैनिटाइजर का निर्माण भी कर रहे हैं। अब तक करीब 5000 लीटर से ज्यादा सैनिटाइजर का निर्माण करके उत्तराखंड पुलिस उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग और एम्स ऋषिकेश को भी दिया गया है। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिक अलग-अलग तरीकों से कोविड-19 की लड़ाई में अपना सहयोग दे रहे हैं। 

 इन दिनों कोरोनावायरस के चलते सैनिटाइजर की मांग बहुत बढ़ चुकी है ऐसे में सरकार को सैनिटाइजर के दाम भी निर्धारित करने पड़े। बाजार में अक्सर जिस की डिमांड ज्यादा होती है उसके नकली उत्पाद भी बाजार में पहुंचने लगते हैं ऐसे में देश के कई हिस्सों में नकली सैनिटाइजर बनाने की फैक्ट्री अभी पकड़ी गई है। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के केमिकल साइंटिस्ट डॉ उमेश ने बताया कि किस तरह सैनिटाइजर बनाया जाता है। आम सैनिटाइजर जो बाजार में बिकते हैं उनमें इथाइल अल्कोहल मिलाया जाता है जिसे इथेनॉल भी कहा जाता है, लेकिन भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आइसोप्रोपिल एल्कोहल के द्वारा सैनिटाइजर बनाया जाता है, जो वायरस मारने में काफी इफेक्टिव माना जाता है । 

 सैनिटाइजर को बहुत सावधानी से प्रयोग करना चाहिए क्योंकि कई बार छोटे बच्चों की आंख और शरीर के अन्य भागों में भी सैनिटाइजर गिर सकता है ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि साफ पानी से तुरंत उस भाग को साफ करना चाहिए। बच्चों की पहुंच से हमेशा सैनिटाइजर को दूर रखना चाहिए क्योंकि इसको पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान की कैंटीन में एक हस्त सुरक्षा मशीन को रखा गया है जिसमें पांव से प्रेस करने में हैंडवाश और दूसरी ओर प्रेस करने में पानी पहुंचता है। जिसे CSIR की MMIT  लैब ने तैयार किया है।  भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की मशीन है अगर सार्वजनिक स्थानों पर रखी जाएं तो लोगों में संक्रमण को रोका जा सकता है।