देश की आज़ादी के बाद जीडीपी सबसे निचले स्तर पर,एक्ट ऑफ गॉड या एक्ट ऑफ फ्रॉड?

सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च को पूरे देश में 'लॉकडाउन' लगाया था । इसका असर अर्थव्यवस्था पर परोक्ष रूप में पड़ा है । ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों और विशेषज्ञों ने देश के जीडीपी में 2020-21 में गिरावट का अनुमान जताया है। कोरोना से पूरी दुनिया प्रभावित है। ऐसे में ग्रुप-7 की अन्य इकॉनमी की रिपोर्ट कैसी रही है उसे समझते हैं।अप्रैल जून तिमाही में जीडीपी में सबसे ज्यादा गिरावट भारत में दर्ज की गई है। भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर इंग्लैंड आता है ,अप्रैल-जून तिमाही में 20.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।इस मामले में तीसरा सबसे प्रभावित देश फ्रांस है। वहां जून तिमाही में ग्रोथ रेट में 13.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इटली में 12.4 फीसदी और कनाडा में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। शुरुआत में इटली में कोरोना अनकंट्रोल हो गया था, लेकिन बाद में उसने इस पर नियंत्रण कर लिया।अप्रैल-जून तिमाही में जर्मनी की जीडीपी में 10.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

उसी तरह अमेरिका की जीडीपी में 9.5 फीसदी और जापान की जीडीपी में 7.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।अप्रैल-जून तिमाही में जर्मनी की जीडीपी में 10.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। उसी तरह अमेरिका की जीडीपी में 9.5 फीसदी और जापान की जीडीपी में 7.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

 बड़ी और विकसित इकॉनमी में एकमात्र चीन ऐसा देश है जिसने अप्रैल-जून तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ रेट रेकॉर्ड किया है। जून तिमाही में उसका ग्रोथ रेट प्लस 3.2 फीसदी रहा है। दरअसल कोरोना की शुरुआत चीन से हुई थी, उसके बाद यह धीरे-धीरे दूसरे देशों में फैला। चीन ने करीब तीन महीने के लिए लॉकडाउन लागू कर इस वायरस पर नियंत्रण पा लिया गया था , जिसके कारण अब हालात कंट्रोल में आए और अब सामान्य हैं , वहां आर्थिक गतिविधि तेजी से पटरी पर वापस लौटी आई है ।