दूरदर्शन के नाम पर फ़र्ज़ी कोरोना वॉरियर्स सम्मान पाने में उत्तराखंड पुलिस सबसे आगे

इन दिनों कोरोना वारियर्स बनने की अंधी दौड़ में हर कोई भागमभाग कर रहा है,देशभर में कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने की होड़ मची हुई है ।और सम्मान पाने वाले बड़े गर्व से समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में पोस्ट कर खूब वाह वाही लूट रहे हैं,अब तो कोरोना वारियर्स का सम्मान पत्र एक रौब का माध्यम भी बन चुका है,इस दौड़ में वकील,पत्रकार,पुलिसकर्मी,समाजसेवी सब शामिल होने लगे है सम्मान पत्र देने वालो कि सत्यता की जांच किये बिना ही सभी खुद को गर्वान्वित महसूस करते हैं ।

उधम सिंह नगर जिले में कोरोना वारियर्स सम्मान पत्र बांटने वालों का एक फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें दर्ज़नो पुलिस वालों,वकीलों,तथाकथित समाजसेवियों को डिजिटल दूरदर्शन के नाम पर सम्मान पत्र बाटें गए है ।






आवाज़ उत्तराखंड ने जब इसकी पड़ताल की तो कई सनसनीखेज खुलासे हुए जिसमें टीवी1 इंडिया न्यूज और दूरदर्शन डिज़िटल के नाम पर दो व्यक्ति देव शंकर और शाहनूर जो सम्मान पत्र पर लगी तस्वीर के अनुसार खुद को चैयरमेन और स्टेट हेड बता रहे है इन्होंने सैकड़ों की तादाद में सम्मान पत्र बांट दिए है आवाज़ उत्तराखंड  ने जब इसकी जानकारी प्राप्त की तो पता लगा कि टीवी 1 इंडिया न्यूज नाम का न तो कोई पंजीकृत न्यूज़ चैनल हैं और न ही न्यूज़ पोर्टल और दूरदर्शन का अपना कोई भी डिजिटल टीवी नही है ,आवाज़ उत्तराखंड ने जब दूरदर्शन को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा कोई भी डिजिटल चैनल नही है, हमारे नाम पर कोई फर्जीवाड़ा कर रहा है जिसका उन्होंने दूरदर्शन के आधिकारिक पेज पर इसका खुलासा भी किया ,जिसमे बताया गया है कि दूरदर्शन के नाम पर फ्रॉड किया जा रहा है।



 रुद्रपुर से "सूचना इंडिया दूरदर्शन" के नाम पर अवैध रूप से बाकायदा संवाददाता बनाये जा रहे हैं और दूरदर्शन डिजिटल टीवी के नाम पर कोरोना वारियर्स के प्रमाण पत्रों को भी बांट रहा है,इतना ही नही कोरोना वारियर्स प्रमाण पत्रों को पुलिस कर्मियों, हाई कोर्ट के वकीलों ,पत्रकारों और समाजसेवियों को भी बांटा गया है । दूरदर्शन उत्तराखंड ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से ये भी स्पष्ट किया है कि दूरदर्शन गली मोहल्लों में अपने स्ट्रिंगर नियुक्त नही करता है अगर ऐसा करता हुआ कोई दिखाई दे तो तुरन्त ईमेल या पते पर शिकायत भेजे।


इसी तरह इन दिनों कई फर्जी संस्थाएं कोरोना वारियर्स के सम्मान पत्रों को बांट रही है और कोरोना वॉरियर्स बनाने की चाह में 2 किलो चावल और 3 किलो आटा बाटने वाले आपको कई जगह दिखाई देंगे और ऐसे ही लोग ऐसे फ़र्ज़ी चैनल से कोरोना वॉरियर्स का सम्मान लेकर गौरवान्वित हो जाते है  ताकि भविष्य में राजनैतिक गलियारों में आवाजाही शुरू हो जाये, वास्तव में जो कोरोना वॉरियर्स है उसे इतनी फुरसत कहा कि ऐसे फ़र्ज़ी सम्मान की बांट जोहे ।  


ऐसे न्यूज़ चैनल,पत्र पत्रिकाएं और न्यूज़ पोर्टल जो कि किसी भी सरकारी विभाग या संबंधित विभाग द्वारा से पंजीकृत और  अधिकृत नही है कैसे सम्मान पत्र जारी कर सकते है ये एक बड़ा सवाल है और इतना ही नही दूरदर्शन का नाम दुरुपयोग करने से भी बाज नही आते है । 


कोरोना योद्धाओं  के नाम पर फर्जी मानवाधिकार संगठन, पत्रकार संगठन और कई अन्य संस्था इन दिनों थोक के भाव मे सम्मान पत्र बांट रही है ,इसलिए सभी कोरोना वॉरियर्स को सचेत रहने की जरूरत है कि कही कोई फ़र्ज़ी चैनल या पोर्टल किसी न किसी रूप में एक सम्मान से न नवाज़ दे ।


उत्तराखंड सूचना विभाग और पुलिस प्रशासन को चाहिए कि इसकी जल्द से जल्द जांच कर इस तरह के फ़र्ज़ी पत्रकारों को सलाखों के पीछे पहुंचाए ताकि पत्रकारिता की गरिमा बनी रहे और फ़र्ज़ी सम्मान लेने से कोरोना वॉरियर्स को बचाया जा सके ।