दुष्कर्म मामले में विधायक को मिली उम्रकैद

उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।फैसले के तहत 10 लाख रुपये पीड़िता को देने होंगे, जबकि 15 लाख रुपये अभियोजन पक्ष को देना होगा।कोर्ट ने फैसला सुनाने के दौरान विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषी विधायक पब्लिक सर्वेंट है और इस लिहाज से जनता के साथ विश्वासघात भी किया है।इससे पहले दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने लंच ब्रेक से पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था।अपहरण के बाद नाबालिग से दुष्कर्म में दोषी करार दिए कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो भी लगा है,ऐसे में कोर्ट ने अधिकतम सजा के रूप में उम्रकैद का फैसला दिया है।पिछली सुनवाई में पीड़िता पक्ष के वकील ने सजा पर हुई बहस के दौरान अधिकतम सजा के साथ अधिकतम मुआवजे की भी मांग की थी।वहीं,बचाव पक्ष के वकील ने विधायक की बेटियों की शादी,सामाजिक स्थिति और समाज सेवा-राजनीतिक सेवा का हवाला देते हुए कम से कम सजा की मांग की थी।यहां पर बता दें कि 16 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन-6 में दोषी ठहराया था।इसके बाद 17 दिसंबर को सजा पर बहस हुई थी,जिसमें पीड़िता पक्ष के वकील ने दोषी को अधिकतम सजा के तहत उम्रकैद की मांग की थी,जबकि साथ ही अधिकतम मुआवजे की भी मांग की थी। इस अपराध में दोषी को कम से कम 7 साल और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।16 दिसंबर को हुई सुनवाई में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देने के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआइ को भी फटकार लगाई थी।कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि सामूहिक दुष्कर्म के इस केसे में सीबीआइ ने एक साल बाद चार्जशीट क्यों लगाई? वहीं,कोर्ट ने यह भी कहा था कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस मामले को देर से दर्ज कराया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि हम पीड़िता के मन को व्यथा को समझते हैं।दोषी दबंग है और पीड़िता एक सामान्य परिवार की लड़की।