डॉ.राधाकृष्णन की याद में गूगल डूडल मना रहा है शिक्षक दिवस

बन्द हो जाएँ सब दरवाजे, नया रास्ता दिखाते हैं गुरु,
सिर्फ किताबी ज्ञान नही, जीवन जीना सिखाते हैं गुरू।
गुरु का स्थान हर किसी की ज़िंदगी मे बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है,अगर सही ज्ञान देने वाला गुरु मिल जाये तो जिंदगी सफल हो जाये और अगर गुरु ही ज्ञान गलत दे तो ज़िन्दगी बर्बाद भी हो जाती है,ऐसे बहुत से उदहारण किस्से कहानियों में देखने को मिल जाएंगे जहाँ ज्ञान देने वाले गुरु ने समाज की दिशा ही पलट कर रख दी हो,तभी गुरु की महानता पर बहुत सारे दोहे शेरो शायरियां भी बन चुकी है।
भारत मे शिक्षक दिवस 5 सितंबर को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है।राधाकृष्णन ज़मीन से जुड़े हुए ऐसे व्यक्ति थे जिनकी सराहना भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया करती है।जब राधाकृष्णन 1962 में राष्ट्रपति बने तो उन्होंने अपने शुभचिंतको को साफ और स्पष्ट रूप से बताया था कि उनका जन्मदिन मनाने की बजाए वो 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मानते हैं।डॉ. राधाकृष्णन को 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।उनका नाम 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था,साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिए 16 बार और शांति नोबेल पुरस्कार के लिए 11 बार उन्हें नामांकित किया गया था।
राधाकृष्णन की याद में आज गूगल भी उनको शिक्षक दिवस के रूप में याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है,5 सितम्बर के मौके पर गूगल ने एक डूडल बनाया है जिसमे गूगल ने एक एनिमेटेड लाल रंग का ऑक्टोपस मुस्कुराता हुआ तैयार किया है जो एक टीचर की तरह ब्लैकबोर्ड के पास खड़ा अध्यापन का कार्य कर रहा है।ये डूडल बहुत ही सुंदर दिख रहा है ,पीछे ब्लैकबोर्ड में जटिल समीकरण दिखाए गए है।एक शिक्षक के रूप में डॉ राधाकृष्णन को आज पूरा देश याद कर रहा है, और मीडिया में भी शिक्षक दिवस के बधाई संदेशो की होड़ सी लगी हुई है।आवाज़ 24x7 उत्तराखंड सभी शिक्षकों को तहे दिल से आज के दिन की शुभकामनाएं देता है।विषम परिस्थितियों में भी जो शिक्षक ज्ञान देने से नही चुकता वही असली शिक्षक कहलाता है।