जिन्दगी की जंग हारे मनोहर पर्रिकर
.jpeg)
जिन्दगी और मौत की जंग में जीत मौत की हुई और गोआ के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का कल निधन हो गया।वो 63 साल के थे पिछले साल से ही वो लगातार अग्नाशय में कैंसर की बिमारी से जूझ रहे थे और अंत मे उन्होंने अपने पणजी के आवास में अंतिम सांसे ली।
अपनी गंभीर बिमारी के इलाज के लिये वो दिल्ली से लेकर न्यूयाॅर्क तक गये लेकिन वो ठीक नही हो पाये।
मनोहर पर्रिकर बेहद विनम्र स्वभाव के एक जुझारू IIT ग्रेजुएट नेता रहे।मनोहर बीजेपी के पहले गोवा से चयनित मुख्यमंत्री थे, 2002 में गोवा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जब जीत हुई तब बीजेपी ने बतौर गोवा का मुख्यमंत्री मनोहर को चुना।2014 में मनोहर पर्रिकर को बीजेपी ने सत्ता मे आने के बाद देश के रक्षा मंत्री पद के लिये चुना उनके रक्षा मंत्री पद पर रहते हुये इंडियन आर्मी ने दो बहुत ही महत्वपूर्ण ऑपरेशन को भी अंजाम दिया था, 2015 में म्यांमार की सीमा मे भारतीय पैराकमाॅन्डो द्वारा उग्रवादियों को मार गिराना और 2017 नवम्बर को सर्जीकल स्ट्राइक को अंजाम देना।
मनोहर पर्रिकर के हौसले कितने बुलन्द थे इसका सबसे बड़ा उदहारण बिमारी के वक्त जब वो हाॅस्पिटलाॅइज थे तब भी नाक में ट्यूब लगी होने के बादवजूद उन्होंने राज्य बजट पेश किया साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि "मैं आपसे फिर वादा करता हुं कि मैं अपनी सांस तक पूरी ईमानदारी,निष्ठा,और समर्पण के साथ गोवा की सेवा करुंगा"