घर के अंदर ही दफ़ना डाला सास, ससुर और सालियों को, इनसाइड स्टोरी आवाज 24X7 इंडिया के साथ

रुद्रपुर। फ़िल्मी अंदाज में उधम सिंह नगर जिले में ट्रांजिट कैंप की राजा कॉलोनी में दिल दहला देनी वाली घटना से हर कोई हैरान है। जिसमे सम्पति लालच के चलते एक युवक ने अपने सास, ससुर और दो सालियों की हत्या कर शव को दफ़नाने का मामला प्रकाश में आया है।
आपको बता दें, युवक नरेंद्र गंगवार ने ससुर हीरालाल की संपत्ति के लालच में उसकी बड़ी बेटी लीलावती से शादी का प्रस्ताव रखा। नरेंद्र ने कहा कि वह उसकी बड़ी बेटी से प्यार करता है और लव मैरिज करना चाहता है। इस पर पिता हीरालाल ने शादी से इंकार कर दिया था। लेकिन बाद में उन्हें नरेंद्र ने समझा-बुझाकर उनकी बड़ी बेटी लीलावती से वर्ष 2008 में शादी करके घर जमाई बन कर रहने लगा। नरेंद्र को पता था कि हीरालाल के पास करोड़ों की संपत्ति है और उसका कोई बेटा भी नहीं है। इसी लालच के चलते उसने युवती को अपने प्रेमजाल में फंसाया था।
शादी के कुछ दिन बाद नरेंद्र व उसकी पत्नी हीरालाल व उसकी पत्नी पर संपत्ति नाम करने का दवाब बनाने लग गए। जिसको लेकर कुछ विवाद भी हुआ। नरेंद्र के शातिर दिमाग ने ससुर हीरालाल के घर के सामने ही मकान बनवाकर पत्नी लीवति के साथ रहने लगा। जब उसे लगा की हीरालाल संपत्ति उसके नाम नहीं करेगा तो उसने सास, ससुर हीरालाल और छोटी दोनों सालियों को ठिकाने लगाने का षड़यंत्र रचने लगा। इस षड़यंत्र में उसने किरायदार विजय को लालच देकर अपने साथ मिला लिया और 20 अप्रैल 2019 की सुबह करीब 5.30 बजे चारों की बेरहमी से हत्या कर उनके शवों को घर के भीतर जमीन में दफना दिया। जब पुलिस ने इस मामले में तहकीकात करते हुए सूचना के आधार पर मकान में खुदाई करवाई तो उन्हें शव बरामद हुए। 16 महीने बाद भी कॉलोनी में जमीन में दबे चारों शव पूरी तरह से नहीं गल पाए थे।
पुलिस ने जब नरेंद्र से कड़ी पूछताछ की तो उसने कबूला कि उसने और किरायदार विजय ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है और नरेंद्र और विजय ने चारों की हत्या कर शवों को एक कमरे में लाकर दोनों ने अंदर से दरवाजों बंद कर छत पर जाने वाली सीढ़ी के पास खुदाई शुरू की। शवों को गड्ढे में नीचे कट्टे बिछाने के बाद शवों के ऊपर से भी कट्टों से ढक दिया गया। बाद में ऊपर से प्लास्टर कर दिया ताकि किसी को शक ना हो की यहाँ क्या दफ़न किया है। लोग इस बात से हैरान है कि इतनी बड़ी घटना घटित हो गई, मगर किसी को पता नहीं चल सका।
दरअसल, आरोपी मूल रूप से बरेली के थाना देवरनिया के ग्राम खेड़ासराय और हाल ट्रांजिट कैंप की राजा कॉलोनी निवासी नरेंद्र गंगवार ने अपने ससुरालियों की बेरहमी से हत्या करने के बाद 16 महीने से कॉलोनी में बेखौफ होकर ऐसे रह रहा था जैसे कभी कुछ हुआ ही ना हो। सूत्रों से पता चला है कि नरेंद्र ने अपने किराएदार विजय गंगवार को संपत्ति में आधा हिस्सा देने का लालच देकर अपने साथ मिला लिया था। इस पूरे घटनाचक्र में आरोपी नरेंद्र की पत्नी भी शक के दायरे में नज़र आती है। क्योंकि हीरालाल की बेटी लीलावती ने 16 महीने में अपने परिजनों की गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट किसी थाने में नहीं दी और ना ही उन्हें ढूंढ़ने का प्रयास किया। नरेंद्र इस भयावाह वारदात को अंजाम देकर रिश्तेदारों के साथ ही रिश्तों का कत्ल करने के बाद 16 महीने तक ससुर के मकान के सामने रहा और किरायदार विजय भी। पुलिस को शवों को निकालने में करीब 4 घंटो का वक्त लगा। शवों को इस तरह दफनाया गया था कि उससे बदबू नहीं आई, जिससे लोगों को पता नहीं चल सका। फिलहाल पुलिस शवों को अपने कब्जे में कर आगे की जांच में लग गए है। खुदाई से लेकर जांच होने तक आईजी कुमाऊं अजय रौतेला, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर और एसओ ट्रांजिट कैंप ललित मोहन जोशी ने मौके पर मौजूद रहे। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने जांच के लिए सैंपल लिए और खुदाई में निकले शवों को पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया।
आईजी कुमाऊं अजय रौतेला ने कहा कि कड़ी पूछताछ में नरेंद्र ने बताया कि सुबह जब उसकी सास हेमवती और एक साली पार्वती दूध लेने गयी हुयी थी तो अपने साथी विजय के साथ मिलकर डंडो द्वारा ससुर हीरालाल और पहली साली दुर्गा को मौत के घात उतार दिया। जब उसकी सास हेमवती और दूसरी साली पार्वती दूध लेकर वापिस आयी तो उन्हें भी डंडो से पीटकर उनकी भी हत्या कर दी और उनके शवों के कमरे में छोड़कर कमरे को बहार से ताला लगा दिया। ये घटना 20 अप्रैल को घटित हुयी। फिर 21 अप्रैल 2019 को आंगन में खुदाई कर चारों शवों को जमीन में दफ़नाकर ऊपर से प्लास्टर करवा दिया। नरेंद्र की पत्नी अपने बच्चों के साथ बरेली में अपनी बुआ के यहाँ है।
दरअसल, 25 अगस्त 2020 को नरेंद्र ग्राम पैगानगरी में जाकर जमीन की बटाई के रूपए लेने गया और बटाईदार ने नरेंद्र के ससुर हीरालाल के बारे में पूछा तो उसने लॉक डाउन में उनकी मौत होने की बात कही। कुछ शक़ होने पर बटाईदार कुंवरसेन ने इसकी जानकारी नरेंद्र के ससुर के रिश्तेदार दुर्गा प्रसाद को दी और वह अपने रिश्तेदारों के साथ रुद्रपुर राजा कॉलोनी में पहुंचकर पड़ोसियों से जानकारी लेने लगे, जब उनको कुछ पता नहीं चला तो इसकी सूचना पुलिस को दी। तब पुलिस ने शक के आधार पर नरेंद्र को हिरासत में लिया तो उसने सब कबूल लिया कि कैसे और कब इस घटना को अंजाम दिया गया।
आईजी कुमाऊं अजय रौतेला ने कहा कि नरेंद्र और उसके साथ विजय को गिरफ्तार कर लिया है और नरेंद्र की पत्नी लीलावती से भी पूछताछ की जा रही है।