गौरवशाली पल: वायु सेना राडार स्थापित करने के लिए उत्तराखंड के तीन जिलों के नाम हुए शामिल

उत्तराखंड राज्य में अब भारतीय वायु सेना तीन सीमावर्ती जिलों में वायु रक्षा रडार स्थापित करने जा रही है। जी हां ये उत्तराखंड के लिए गौरवशाली होगा ख़ासकर इन तीन जिलों को उत्तराखंड ही नही बल्कि पूरे भारत मे पहचान मिल सकेगी। उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी को वायु रक्षा राडार स्थापित करने के लिए चुना गया है।भारतीय वायु सेना ने राज्य के इन पहाड़ी जिलों में अपनी गतिविधियों के निष्पादन के लिए एक नया अग्रिम लैंडिंग ग्राउंड विकसित करने का प्रस्ताव दिया है जल्द ही इस पर मुहर लग सकती है।
इस मामले में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत के साथ सेंट्रल एयर कमांड के एओसी इन सी ,एयर मार्शल राजेश कुमार ने एक बैठक कर भूमि के प्रस्तावों और ज़रूरतों पर विस्तृत रूप से चर्चा भी की। चर्चा के बाद बैठक में ये निर्णय लिया गया कि भारतीय वायु सेना और राज्य सरकार अपने संबंधित नोडल अधिकारियों को नामांकित करेगी म्यूच्यूअली भूमि की पहचान करके काम करेंगे। बैठक में एयर मार्शल ने सीएम से जॉलीग्रांट, पंतनगर, और पिथौरागढ़ में हवाई अड्डों के विस्तार और चौखुटिया में एक नए हवाई अड्डे के लिए जमीन उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया।वही राज्य सरकार ने बताया कि वायु रक्षा राडार स्थापित करने लिए अल्मोड़ा जिले के भैसोली गांव में भूमि चिन्हित की गई है।भारतीय वायु सेना अग्रिम लैंडिंग के लिए जमीन चाहते है जिसमे भविष्य में ईंधन भरने के अलावा गोला बारूद भरने के लिए उपयोग में लाया जा सके। राज्य सरकार और भारतीय वायु सेना के बीच जल्द ही समन्वय स्थापित कर काम शुरू किया जाएगा।