क्या मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में पीछे रह गयी?

वैश्विक स्तर पर आज भारत भले ही दुनिया में अपना परचम लहराने में कामयाब हो गया हो पर आर्थिक रूप से जो स्थिति आज भारत के अंदर देखने को मिल रही है वो निश्चित ही चिंता का विषय है।यूं भी कह सकते हैं कि छः साल के सबसे निचले स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है,जीडीपी का पांच फीसदी पर पहुंच जाना ये बताता है कि आज देश मे एक लंबी आर्थिक मंदी का भंवर अपने पैर पसार चुका है,जिससे उभरने में ना जाने कितना वक्त लगेगा।आज भारत विश्व मे अपनी जड़ें ज़माने में कामयाब तो हो रहा है,लेकिन घरेलु कुप्रबंधन की वजह से अर्थव्यवस्था का ग्राफ़ निचले स्तर की ओर जा रहा है,हैरानी इस बात की है कि पिछली तिमाही में भारत की विकास दर तो गिरी ही साथ ही मैनुफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ सिर्फ़ 0.6 ही रही।हालांकि इस वक्त जीडीपी के मामले में लगभग सभी देश निराश ही हो रहे है।ज़्यादातर देशों आर्थिक मंडी के दौर से ही गुज़र रहे हैं ऐसे में भारत की जीडीपी अगर निचले स्तर तक आ पहुंची है तो इसके लिए सरकार को पहले से ही कोई कूटनीति तैयार कर रखनी चाहिए थी।अगर आर्थिक मामलों पर ध्यान दिया जाता तो विनिर्माण और कृषि उत्पादन में सुस्ती नहीं देखने को मिलती,2012-13 में जीडीपी का निचला स्तर 13 था जब विकास दर 4.9 % थी विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में भारी गिरावट के साथ वृद्धि दर 0.6% ही रह गयी जबकि पिछले साल की बात करें तो ये 12.1% पर थी।
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने निचले स्तर पर आ चुकी जीडीपी पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था अब तक नोटबन्दी और जीएसटी जैसे मानवीय कुप्रबंधन से उभर नही पाई है।साथ ही मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो बदले की राजनीति करने की बजाय सही लोगों के दिये गए सुझावों पर ध्यान दें।भारत की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुज़र रही है इसे इस संकट से निकालने के लिए सुधी लोगों की आवाज़ सुनें।
आपको बता दें कि मनमोहन सिंह देश के पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके हैं,और एक अर्थशास्त्री के रूप में देश के लिए बेहतर काम कर चुके हैं।इसके अलावा पीवी नरसिंहमा राव के कार्यकाल में देश के वित्त मंत्री भी रह चुके है।हालांकि कांग्रेस में रहते हुए उनकी क्षमताओं को उभरने का मौका नहीं मिला लेकिन अर्थशास्त्र के ज्ञाता के रूप में जितना मनमोहन सिंह जानते हैं उतना शायद ही कोई और बेहतर जानता होगा।इस वक्त देश मे जो हालात चल रहे हैं उनको देखते हुए बीजेपी सरकार को मनमोहन सिंह की राय के साथ आर्थिक विश्लेषण कर देश की आर्थिक दर को सुधारने का प्रयास करना चाहिए।